सेना प्रमुख बिपिन रावत बोले- सीमा पर तैनात की गईं महिलाएं तो साथी जवानों पर लगाएंगी ‘ताक-झांक’ के आरोप, सोशल मीडिया पर करना पड़ रहा है शर्मिंदगी का सामना

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सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एक न्यूज़ वेबसाइट से बात करते हुए कहा कि महिलाएं अभी सीमा पर लड़ाई के लिए भेजे जाने के लिए तैयार नहीं हैं, उन्होंने इसके पीछे इसका कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर बच्चों की जिम्मेदारी होती है और वो फ्रंटलाइन में कपड़े बदलने में असहज महसूस करेंगी, वो हमेशा साथी जवानों पर ताक-झांक का आरोप लगाएंगी। बिपिन रावत अपने इस बयान को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए है, लोग उनके इस बयान की कड़ी निंदा कर रहें है।

file photo- Bipin Rawat

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने न्यूज़ 18 से बात करते हुए कहा कि तब क्या होगा जब यहां पर अकेली महिला अधिकारी होगी। हमारा आदेश है कि एक महिला अधिकारी के लिए अलग जगह चाहिए होगी, फिर उसे अलग से खाना पकाना होगा। फिर वे कहेंगी कि कोई ताक झांक कर रहा है, इसलिए उसे चारों तरफ से पर्दा चाहिए होगा। उन्होंने आगे कहा कि, यदि आप इसे दिल्ली में भी सोचते हैं, तो महिलाएं मुझे बताती हैं कि लोग ताक-झांक करते हैं। मैं अलगाव की स्थिति के बारे में बात कर रहा हूं जब उसके चारों ओर 100 जवान होंगे जैसे कि दिल्ली में भी होता है।

साथ ही बिपिन रावत ने कहा कि एक वक्त वह युद्ध की भूमिका में महिलाओं को भेजने की पेशकश पर तैयार थे, लेकिन फिर लगा कि ज्यादातर जवान ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं और वह महिला अधिकारियों के ऑडर स्वीकार करने में अहसज महसूस कर सकते हैं। सेना प्रमुख ने मातृत्व अवकाश के मुद्दे पर कहा कि सेना कमांडिंग ऑफिसर को इतनी लंबी छुट्टी नहीं दे सकती, क्योंकि वह छह महीने तक अपनी इकाई नहीं छोड़ सकती है। उसकी छुट्टी पर विवाद खड़ा हो सकता है।

बिपिन रावत के इस बयान ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया। सोशल मीडिया यूजर्स उनके इस बयान की कड़ी निंदा कर रहें है और तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहें है।

देखिए कुछ ऐसे ही ट्वीट

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