नरेंद्र मोदी 30 मई को एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस समारोह में शामिल होने के लिए सरकार ने बिम्सटेक (BIMSTEC) समूह के नेताओं को आमंत्रित किया है। हालांकि, पाकिस्तान को इसके लिए निमंत्रण नहीं भेजा गया है। कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसके जरिए भारत ने पाक को कड़ा संदेश देने की कोशिश की है।
कहा जा रहा है कि संदेश यह है कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता है, तब तक उसके साथ रिश्तों में कोई गतिशीलता देखने को नहीं मिलेगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, बिम्सटेक देश के नेताओं को आमंत्रण सरकार की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत दिया गया है।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वर्तमान अध्यक्ष एवं किर्गिस्तान के राष्ट्रपति तथा मॉरीशस के प्रधानमंत्री को भी शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस पर मुख्य अतिथि थे।
बता दें कि पीएम मोदी BJP के ऐसे पहले नेता हैं जिन्हें प्रधानमंत्री के रूप में पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार इस शीर्ष पद के लिए चुना गया है। साथ ही जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद मोदी पूर्ण बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में पहुंचने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।
2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में दक्षेस देशों के शासनाध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था। इसमें तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर नवाज शरीफ शामिल हुए थे। पीएम मोदी गुरूवार को शाम सात बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ शपथ लेंगे। वह लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।