बिलकिस बानो रेप केस: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से पूछा- दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है?

0

गुजरात में गोधरा कांड के बाद हुए बहुचर्चित बिलकिस बानो रेप केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (23 अक्टूबर) को गुजरात सरकार से पूछा कि उसने अबतक दोषी पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों के खिलाफ क्या अनुशासनात्मक कार्रवाई की है? इसके लिए कोर्ट ने गुजरात सरकार से चार सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर विस्तार से जवाब मांगा है।

(AP file photo)

साथ ही शीर्ष अदालत ने बिलकिस बानो से कहा कि अगर वह मुआवजा बढवाना चाहती है तो इसके लिए अलग से याचिका दाखिल करे। जिस पर चार हफ्ते बाद सुनवाई होगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि केस में सजायाफ्ता पुलिसवाले व डॉक्टर काम कैसे कर सकते हैं?

दरअसल, बिलकिस बानों ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल कर कहा था कि इस केस में उसे और भी मुआवजा दिलाया जाए। साथ ही कहा गया कि जिन चार पुलिसवालों व दो डॉक्टरों को हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया था, उनकी जानकारी के मुताबिक- उन्हें गुजरात सरकार ने वापस काम पर रख लिया है।

12 आरोपियों की उम्रकैद की सजा

बता दें कि चार मई 2017 को बंबई हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को पलटते हुए बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 12 लोगों की दोषसिद्धि और उम्रकैद की सजा बरकरार रखी थी और पुलिसकर्मियों एवं डॉक्टरों समेत सात लोगों को बरी करने का आदेश निरस्त कर दिया। अदालत ने सीबीआई की उस अपील को भी खारिज कर दिया, जिसमें तीन दोषियों के लिये मौत की सजा की मांग की गई थी।

हाई कोर्ट ने कहा था कि 11 दोषियों (एक दोषी मर चुका है) की ओर से दोषसिद्धि के खिलाफ दायर याचिका को खारिज किया जाता है। दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखा जाता है। अदालत ने कहा था मामले में सात लोगों को बरी करने के खिलाफ अभियोजन पक्ष की ओर से दायर अपील को स्वीकार किया जाता है। इन्हें बरी करने का आदेश निरस्त किया जाता है।

पीठ ने कहा था कि पांच पुलिसकर्मियों और दो डॉक्टरों समेत सात लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 218 (अपने कर्तव्य का निवर्हन न करना) और धारा 201 (साक्ष्यों से छेड़छाड़) के तहत दोषी ठहराया जाता है। कोर्ट ने कहा था कि इन सात लोगों द्वारा जेल में बिताई जा चुकी अवधि को हम उनकी सजा के तौर पर मान लेंगे लेकिन उनपर जुर्माना जरूर लगाया जाएगा।

दोषी पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों के नाम हैं- नरपत सिंह, इदरिस अब्दुल सैयद, बीकाभाई पटेल, रामसिंह भाभोर, सोमभाई गोरी, अरूण कुमार प्रसाद (डॉक्टर) और संगीता कुमार प्रसाद (डॉक्टर)। इस मामले में अब 18 लोग दोषी करार दिए जा चुके हैं।

क्या है मामला?

3 मार्च, 2002 को गुजरात में गोधरा दंगों के बाद 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर अहमदाबाद के रंधिकपुर में हमला किया था। इस हमले के दौरान 8 लोगों की हत्या कर दी गई थी। बिलकिस बानो उस समय मात्र 19 साल की थी, और 5 माह की गर्भवती थी। उनके साथ गैंगरेप किया गया था। रेप के बाद बिलकिस को पीटा गया और मरा हुआ जानकर छोड़ दिया गया। इस दर्दनाक घटना में बिलकिस की 3 साल की बेटी और दो दिन का बच्चे की भी मौत हो गई थी।

इस मामले में 21 जनवरी, 2008 को मुंबई की कोर्ट ने 11 लोगों को हत्या और गैंगरेप का आरोपी माना था। इसके बाद ट्रायल कोर्ट की ओर से सभी को उम्रकैद की सजा दी गई थी। इस फैसले के खिलाफ सभी आरोपियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी। तीन आरोपियों को मौत की सजा सुनवाने के लिए 2011 में सीबीआई इस केस को लेकर हाईकोर्ट गई थी।

 

Previous articleमारुति सुजुकी ने सर्विसिंग के नाम पर कार को सिर्फ धोकर वापस लौटा दिया, देखिए वीडियो
Next article“BJP has prepared a budget of Rs 500 crore to purchase revolutionaries, but Gujaratis not cheap”