बिहार में बच्चों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, केंद्र और राज्य सरकार से 7 दिनों में मांगा जवाब

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बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानी चमकी बुखार की वजह से बच्चों की हो रही मौतों पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र और बिहार सरकार से सात दिनों के भीतर जवाब मांगा है।चमकी बुखार से बच्चों की मौत को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (24 जून) को केंद्र और बिहार सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

(PTI Photo)

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की वजह से बच्चों की मौत के मामले में दाखिल एक याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश को भी नोटिस जारी कर 7 दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने कोर्ट को बताया कि जरूरी उपाय किए गए हैं और अब स्थिति कeबू मे है। सुप्रीम कोर्ट ने जिन तीन बिंदूओं पर जवाब मांगा है, उनमें पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं, पोषण और साफ-सफाई शामिल है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि ये ये मूल अधिकारों का मामला है। सरकारों ने इससे निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं?

कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है बच्चे इस तरह नहीं मर सकते। कोर्ट ने बिहार सरकार से एक हफ्ते मे हलफनामा मांगा है जिसमें वो बताएगी कि राज्य मे इलाज और डॉक्टरों की क्या स्थिति है। न्यूट्रेशन और साफ सफाई की क्या स्थिति है।

रविवार को नहीं आया कोई नया मामला

बारिश का मौसम शुरू होने के साथ रविवार को मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का एक भी नहीं मामला दर्ज नहीं किया गया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रभावित जिले में ड्यूटी के लिए नहीं आने वाले पीएमसीएच के एक डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की है। प्रधान सचिव, स्वास्थ्य, संजय कुमार ने फोन पर समचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘‘पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (पीएमसीएच) के एक सीनियर रेजीडेंट डॉ भीमसेन कुमार को 19 जून तक एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में रिपोर्ट करने को कहा गया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहे, जिस पर विभाग ने इस चूक को लेकर गंभीर रुख अपनाया है। उन्हें विभागीय जांच लंबित रहने तक निलंबित रखा गया है, जिसके पूरा होने पर आगे कार्रवाई की जा सकती है।’’

इस बीच, श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) के अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने कहा, ‘‘एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) बच्चों को उस वक्त अपनी चपेट में लेता है, जब भीषण गर्मी पड़ रही होती है और इलाके में बारिश होने पर इस रोग का प्रसार रूकता है। इस बार भी यही हो रहा है और आज दिन में अब तक एक भी बच्चा भर्ती नहीं किया गया। वहीं, चमकी बुखार से पीड़ितों के स्वस्थ होने के बाद उन्हें लगातार अस्पताल से छुट्टी दे रही है।’’

140 बच्चों की मौत

राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, चमकी बुखार से राज्य के 40 जिलों में करीब 20 जिले प्रभावित हैं। इस रोग से एक जून से 600 से अधिक बच्चे पीड़ित हुए, जिससे करीब 140 बच्चों की मौत हुई। मुजफ्फरपुर सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिला है जहां 430 बच्चों को भर्ती किया गया, जिनमें सिर्फ एसकेएमसीएच में ही 109 बच्चे भर्ती किए गए जबकि एक निजी अस्पताल केजरीवाल हॉस्पिटल ने 162 रोगियों को भर्ती किया और वहां 20 मौतें हुई। इस साल इस रोग से अधिक संख्या में मौत होने की मुख्य वजह खून में शर्करा (चीनी) के स्तर में कमी आना है।

 

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