विवादों में घिरें बिहार के नए शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने शपथ लेने के तीन दिन बाद ही अपना इस्तीफा दे दिया। बता दें कि, शपथग्रहण के बाद नीतीश कुमार अपनी कैबिनेट में अपनी एक नियुक्ति को लेकर आलोचनाओं से घिर गए थे।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर बिहार के शिक्षा मंत्री मेवा लाल चौधरी ने कहा कि, “कोई भी केस तब साबित होता है जब आपके खिलाफ कोई चार्जशीट हुई हो या कोर्ट ने कुछ फैसला किया हो। न हमारे खिलाफ अभी कोई चार्जशीट हुई है न ही हमारे ऊपर कोई आरोप दर्ज हुआ है।”
An accusation is proven only when a charge sheet is filed or a court gives an order and none of the two is there to prove the allegations against me: Mewa Lal Choudhary, Bihar Education Minister on corruption charges levelled against him pic.twitter.com/Vy4yCPNQma
— ANI (@ANI) November 19, 2020
गौरतलब है कि, नवनिर्वाचित जदयू विधायक डॉ. मेवालाल चौधरी को राज्य की तारापुर विधानसभा सीट से जीत मिली है। उन्हें पहली बार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। राजनीति में प्रवेश से पहले मेवालाल भागलपुर कृषि विविद्यालय के कुलपति थे। असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अनियमितता के आरोपों और एफआईआर दर्ज किये जाने के मद्देनजर चौधरी को सल 2017 में नीतीश कुमार नीत जदयू से निलंबित कर दिया गया था। यह मामला साल 2012 में असिस्टेंट प्रोफेसर और कनिष्ठ वैज्ञानिकों की नियुक्ति में कथित अनियमितता से संबंधित है।
भाजपा ने भी तब चौधरी के खिलाफ मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया था जब वह महागठबंधन सरकार के समय विपक्ष में थी। इस मुद्दे को लेकर राजद सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा था और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की थी। इस मुद्दे को लेकर जारी सियासी घटनाक्रम के बीच मेवालाल चौधरी ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी।