मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 28 और 29 मार्च को दो दिन भारत बंद बुलाया है। बैंक कर्मचारियों की यूनियनों के एक वर्ग ने सोमवार और मंगलवार की इस हड़ताल का समर्थन किया है। राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल से बैंकों का कामकाज भी आंशिक रूप से प्रभावित हो गया है। अब उसका असर देश के ज्यादातर इलाकों में साफ दिखने लगा है।
पश्चिम बंगाल और हरियाणा समेत देश के अलग-हिस्सों में सेंट्रल ट्रेड यूनियन के 48 घंटे के भारत बंद का असर दिखने लगा है। पश्चिम बंगाल में लेफ्ट कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हैं। बंगाल के जादवपुर में लेफ्ट कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, हावड़ा में कर्मचारियों ने सड़क पर उतर कर बंद कराया।
वहीं, हरियाणा में हड़ताल में भी भारत बंद का असर देखा जा रहा है। बंद की वजह से 3 हजार बसों के पहिए थम गए हैं। हरियाणा में कर्मचारियों ने बंद का पूरा समर्थन किया है। बंद की वजह से जींद में दिल्ली-आगरा और अन्य लंबे रूटों की सेवाएं बाधित हो गई हैं।
केरल में भारत बंद के असर की वजह से सड़कें सुनसान नज़र आ रही है. केवल कुछ निजी वाहन ही सड़कों पर देखे जा सकते हैं। बंद के दौरान केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) ने अपनी सेवाएं रोक दी हैं। भारत बंद के दौरान आपातकालीन सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा गया है।
सरकार की जन-विरोधी आर्थिक नीतियों और श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र श्रमिक यूनियनों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। इनकी प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को समाप्त करना, किसी भी प्रकार के निजीकरण को रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को समाप्त करना, मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आवंटन बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना शामिल है।
ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने कहा, हमने हड़ताल के इस आह्वान का समर्थन करने का फैसला किया है। हम इस हड़ताल में बैंकिंग क्षेत्रों की मांगों पर ध्यान दिलाने के लिए शामिल हो रहे हैं।
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