कर्नाटक में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने है, राज्य में चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस की बीच बयानों का सिलसिला शुरू हो गया है। राज्य में सियासी बाजी जीतने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। कर्नाटक में सत्ता पाने के लिए इस बार बीजेपी इन चुनावों में हर संभव कोशिश कर रही है। लेकिन कांग्रेस से सत्ता छीनने और चुनावी तैयारियों के बीच बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है।
समाचार एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ बनाए गए भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के तीन वीडियो विज्ञापनों के प्रसारण पर रोक लगा दी। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत के बाद यह रोक लगाई गई है। समिति ने कल मीडिया को इन विज्ञापनों को दिखाने से रोका था। उसने कहा था कि ये विज्ञापन चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं।
बता दें कि, राज्य में विधानसभा चुनाव की 224 सीटों पर एक चरण में 12 मई को मतदान होगा। वहीं, वोटों की गिनती 15 मई को की जाएगी। केपीसीसी की ओर से पार्षद वी एस उगरप्पा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर एमसीएमसी ने यह कार्रवाई की। केपीसीसी ने इन विज्ञापनों को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है।
आदेश में कहा गया, “सूचना और जनसंपर्क विभाग के आयुक्त हर्षा पी एस ने अपने आदेश में 35-35 सेकेंड के ‘जन विरोधी सरकार’, ‘विफल सरकार’ और 50 सेकेंड के ‘मूरु भाग्य’ के प्रसारण पर रोक लगा दी।”
इन तीनों दृश्यात्मक विज्ञापनों की इजाजत बीजेपी के राज्य कार्यालयी सचिव गणेश याजी को 22 अप्रैल को दी गई थी।
उगरप्पा ने अपनी शिकायत में कहा कि ये विज्ञापन भारतीय दंड संहिता के साथ ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत हैं।
गौरतलब है कि, बीजेपी और कांग्रेस के बीच कर्नाटक चुनावों के मद्देनजर आरोप-प्रत्यारोप का दौर कुछ ज्यादा ही तेज हो गया है। कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटों पर एक चरण में 12 मई को मतदान होगा। वहीं, वोटों की गिनती 15 मई को की जाएगी।