जानिए: क्यों सोशल मीडिया पूछ रहा “बागों में बहार” है?

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सोशल मीडिया पर एनडीटीवी के प्रतिबंध को लेकर चर्चाएं रही। लोगों को लग रहा था कि सरकार के एनडीटीवी इंडिया को प्रतिबंध करने के फैसले के बाद रवीश अपने प्राइम टाइम शो पर उदास भरी बातों के साथ नज़र आएंगे लेकिन हुआ इसका एकदम उल्टा।

रवीश ने सरकार पर  मोर्चा खोलते हुए  जिस अंदाज़ में सरकार को जवाब दिया  वो दिखाता है कि धेर्य के साथ किस तरह सटीक जवाब दिया जा सकता है।

Photo: Janta Ka Reporter

लेकिन रवीश के प्राइम टॉइम शो के बाद से सोशल मीडिया पर एक ही सवाल है – बाग़ों में बहार है?

इसका मतलब किसी गाने को पोस्ट करने से नहीं बल्कि शुक्रवार को एनडीटीवी इंडिया पर प्रसारित हुआ रवीश कुमार का शो ‘प्राइम टाइम’ है जिसमें सवाल ही ये था कि जब सवाल नहीं पूछे जाएंगे तो क्या करेंगे?

दरअसल सरकार द्वारा एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन का प्रतिबंध लगाए जाने के बाद  रवीश ने अपना प्राइम टाइम शो दो माइम कलाकारों के साथ किया जिन्हे मूक कलाकार भी कहते है। उन दोनों माइम कलाकारों में से एक अथॉरिटी बना था और दूसरा उनका ट्रोल यानि लठैत था।

रवीश ने इन दो माइम कलाकारों के साथ यह समझाने की कोशिश की थी कि जब सरकार को सवालों से समस्या होने लगे तो फिर किस तरह के सवाल सत्ता को खुश करेंगे – जैसे बाग़ो में बहार है? आप बनियान कौन से ब्रांड की पहनते हैं? या आप खाते कितनी बार हैं दिन में? फूल कौन सा पसंद करते हैं, धतूरे का या कनेल का?

रवीश के द्वारा बोली गई ये लाइन तब से लगातार सोशल मीडिया पर ट्रेंड में बनी हुई है, लोग हैशटैग करके लगातार सरकार से सवाल पूछ रहें हैं बागों में बहार है।

https://twitter.com/RoflRepoter/status/794976864406151168

देखिए रवीश के उस प्राइम टॉइम शो की वीडियो-

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