टोक्‍यो पैरालंपिक में राजस्थान की बेटी अवनी लेखरा ने रचा इतिहास, शूटिंग में दिलाया भारत को पहला गोल्ड मेडल; पीएम मोदी और राहुल गांधी ने दी बधाई

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भारत की अवनि लेखरा ने सोमवार को टोक्यो पैरालंपिक खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिलाओं के आर-2 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। अवनि ने फाइनल में 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की और पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने चीन की झांग कुइपिंग (248.9 अंक) को पीछे छोड़ा। यूक्रेन की इरियाना शेतनिक (227.5) ने कांस्य पदक जीता।

अवनि लेखरा

जयपुर की रहने वाली यह 19 वर्षीय निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। उनकी रीढ़ की हड्डी में 2012 में कार दुर्घटना में चोट लग गई थी। उन्होंने 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की। यह पैरालंपिक खेलों का नया रिकार्ड है। अवनि से पहले भारत की तरफ से पैरालंपिक खेलों में मुरलीकांत पेटकर (पुरुष तैराकी, 1972), देवेंद्र झाझरिया (पुरुष भाला फेंक, 2004 और 2016) तथा मरियप्पन थंगावेलु (पुरुष ऊंची कूद, 2016) ने स्वर्ण पदक जीते थे।

यह भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक है। टोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला स्वर्ण पदक है। पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली वह तीसरी भारतीय महिला हैं। अवनि ने फाइनल में चीन की रियो पैरालंपिक की स्वर्ण पदक विजेता झांग कुइपिंग (248.9 अंक) को पीछे छोड़ा। यूक्रेन की विश्व में नंबर एक और मौजूदा विश्व चैंपियन इरियाना शेतनिक (227.5) ने कांस्य पदक जीता।

अवनि का यह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पहला पदक है। वह 2019 में विश्व चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रही थी। पहली बार पैरालंपिक में भाग ले रही विश्व में पांचवीं रैंकिंग की अवनि ने क्वालीफिकेशन और फाइनल्स दोनों में लगातार 10 से अधिक के स्कोर बनाए। वह विश्व रिकार्ड तोड़ने के करीब थी लेकिन आखिर में 9.9 के दो स्कोर से ऐसा नहीं कर पाई।

अवनि ने इससे पहले क्वालीफिकेशन राउंड में 21 निशानेबाजों के बीच सातवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में प्रवेश किया था। उन्होंने 60 सीरीज के छह शॉट के बाद 621.7 का स्कोर बनाया जो शीर्ष आठ निशानेबाजों में जगह बनाने के लिये पर्याप्त था।

अवनि को उनके पिता ने खेलों में जाने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने पहले निशानेबाजी और तीरंदाजी दोनों खेलों में हाथ आजमाए। उन्हें निशानेबाजी अच्छी लगी। उन्हें बीजिंग ओलंपिक 2008 के स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा की किताब पढ़कर भी प्रेरणा मिली। उन्होंने 2015 में जयपुर के जगतपुरा खेल परिसर में निशानेबाजी शुरू की थी। कानून की छात्रा अवनि ने संयुक्त अरब अमीरात में विश्व कप 2017 में भारत की तरफ से पदार्पण किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके प्रदर्शन की प्रशंसा की। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘अविस्मरणीय प्रदर्शन अवनि लेखरा। कड़ी मेहनत की बदौलत स्वर्ण जीतने पर बधाई जिसकी आप हकदार भी थी। कर्मशील स्वभाव और निशानेबाजी के प्रति जज्बे से आपने ऐसा संभव कर दिखाया। भारतीय खेलों के लिए यह एक विशेष क्षण है। आपको भविष्य के लिये शुभकामनाएं।’’

अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। रविवार को भाविनाबेन पटेल ने महिला टेबल टेनिस में रजत पदक जीता था। भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक रियो पैरालंपिक 2016 में गोला फेंक में रजत पदक जीतकर इन खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी।

अवनि मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन एसएच1, महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन एसएच1 और मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन में भी हिस्सा लेंगी। एसएच1 राइफल वर्ग में वे निशानेबाज शामिल होते हैं जो हाथों से बंदूक थाम सकते हैं लेकिन उनके पांवों में विकार होता है। इनमें से कुछ एथलीट व्हील चेयर पर बैठकर जबकि कुछ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा में भाग लेते हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)

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