कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की जंग में उतरे एक वरिष्ठ सरकारी चिकित्सक और 34 वर्षीय एक व्यक्ति की संक्रमित होने के बाद रविवार को कोलकाता के एक अस्पताल में मौत हो गई।

स्वास्थ्य सेवाओं (उपकरण और स्टोर) के सहायक निदेशक के तौर पर सेवारत 60 वर्षीय चिकित्सक को शुरुआत में बेलियाघाटा संक्रामक रोग अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्हें बाद में 18 अप्रैल को ‘साल्ट लेक’ निजी अस्पताल में भेजा गया, जहां उनका कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया। समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि, ‘‘कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने पर उन्हें बेलियाघाटा संक्रामक रोग अस्पताल ले जाया गया था और इसके बाद उन्हें साल्ट लेक निजी अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सक श्वसन संबंधी समस्या और अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। वह अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद से वेंटिलेटर पर थे, उनकी रविवार को मौत हो गई।’’
मृतक की पहचान डॉक्टर बिप्लब कांति दासगुप्ता के रुप में हुई है वह पश्चिम बंगाल हेल्थ सर्विसेज के सहायक निदेशक के पद पर तैनात थे। वह बंगाल के पहले डॉक्टर हैं जिनकी कोरोनावायरस से चलते मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी की पत्नी भी कोरोना संक्रमित पाई गई हैं। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के संगठन वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने दास की मौत पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि कोरोना से जंग लड़ने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन सुनिश्चित करने की मांग की है।
We have lost Dr Biplab Kanti Dasgupta
Assistant Director, Health Services, West Bengal in the early hours of today.He was Assistant Director of Health Services, Central Medical Stores.
We are deeply pained with his untimely demise. (1/2)— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 26, 2020
शहर के ‘गार्डन रीच’ इलाके में रहने वाले एक अन्य संक्रमित व्यक्ति की इसी अस्पताल में सुबह करीब सात बजे मौत हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘34 वर्षीय व्यक्ति को 23 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे भी सांस लेने में समस्या थी और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। उसकी रविवार सुबह मौत हो गई।’’
राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल में कोविड-19 संक्रमण के अब तक 154 मामले सामने आए हैं जिनमें से 18 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने यह पता लगाने के लिए एक समिति गठित की है कि मरीज की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई है या पहले ही मौजूद किसी अन्य बीमारी के कारण। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राज्य में कोविड-19 के 571 मरीज हैं।