सुप्रीम कोर्ट ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी के अंतिम प्रकाशन की समय सीमा मंगलवार (23 जुलाई) को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी, हालांकि शीर्ष अदालत ने 20 प्रतिशत नमूनों के पुन: सत्यापन का केंद्र और राज्य सरकार का अनुरोध ठुकरा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने फाइनल एनआरसी की लिस्ट प्रकाशित करने की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त की है। पिछली सुनवाई में केंद्र और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एनआरसी का समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति रोहिंटन एफ नरीमन की पीठ ने असम नागरिक पंजी समन्वयक प्रतीक हजेला की रिपोर्ट के अवलोकन के बाद नागरिक पंजी के अंतिम प्रकाशन की अवधि 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त करने के बारे में आदेश पारित किया। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया था कि वह एनआरसी को प्रकाशित किए जाने की डेडलाइन 31 जुलाई से आगे बढ़ा दे।
Supreme Court extends the final publication of National Register of Citizens (NRC) deadline from July 31 to August 31, 2019. pic.twitter.com/MJhSizldLq
— ANI (@ANI) July 23, 2019
वहीं, केंद्र और असम सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी में गलत तरीके से शामिल किए गए और उससे बाहर रखे गए नामों का पता लगाने के लिए 20 फीसदी नमूने का फिर से सत्यापन करने की अनुमति न्यायालय से मांगी थी। केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल और असम सरकार की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस संबंध में पक्ष रखे, लेकिन न्यायालय इससे संतुष्ट नहीं हुआ।
बता दें कि असम के लिए एनआरसी का पहला मसौदा शीर्ष न्यायालय के निर्देश पर 31 दिसंबर 2017 और एक जनवरी 2018 की दरम्यिानी रात को प्रकाशित हुआ था। उस समय 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम इनमें शामिल किए गए थे। 20वीं सदी की शुरुआत में बांग्लादेश से असम में बड़ी संख्या में लोग आए। असम इकलौता राज्य है जहां एनआरसी है जिसे सबसे पहले 1951 में तैयार किया गया था।