असम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सोशल मीडिया सेल के एक सदस्य नीतूमोनी बोरा को फेसबुक पर कथित रूप से उत्तेजक पोस्ट के लिए गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, नीतू बोरा को आज जमानत मिल गई है। आज जमानत पर रिहा हुए नीतू बोरा पर फेसबुक पर किए गए पोस्टों में सांप्रदायिक टिप्पणी के साथ ही मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का भी आरोप है।
NDTV के मुताबिक, पुलिस ने इसी तरह के आरोपों पर राज्य भर से कम से कम तीन अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। पुलिस सूत्रों ने NDTV को पुष्टि की है कि मोरीगांव जिले के भाजपा आईटी सेल के सदस्य नीतू बोरा को सांप्रदायिक और अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था। भाजपा असम सोशल मीडिया टीम के सदस्य नीतू बोरा पर एक विशेष समुदाय के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है।
बोरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत कई मामले दर्ज किए गए हैं। एनडीटीवी के मुताबिक, नीतू बोरा ने हाल ही में सोशल मीडिया में दावा किया था कि राज्य की भाजपा सरकार विस्थापित मुस्लिमों से असमी लोगों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। उसने यह भी संकेत दिया था कि राज्य के मामलों के लिए मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ही जिम्मेदार है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के पारिवारिक जीवन के बारे में फर्जी खबर फैलाने के आरोप में पुलिस ने एक अन्य भाजपा समर्थक अनुपम पॉल को गिरफ्तार किया।
एनडीटीवी के मुताबिक, सोशल मीडिया टीम के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, “वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हमारे अधिकार का प्रयोग करने से कैसे रोक सकते हैं? यह असहिष्णुता है।” मोरीगांव के एसपी स्वप्निल डेका ने कहा, ”पिछली रात को राजू महंता ने नीतूमोनी बोरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया, जिसके आधार पर हमने उसे गिरफ्तार किया है। एफआईआर में बयान दर्ज करवाया गया है कि उसने मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।”