लोकसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (30 मई) को लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में एक भव्य समारोह में मोदी व उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में राजनीति के अलावा दूसरे क्षेत्रों के करीब 8 हजार लोगों ने हिस्सा लिया था। इस समारोह में बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियों ने भी शिरकत की थी, जिसमें बॉलिवुड की प्रसिद्ध गायिका आशा भोसले भी शामिल थी। लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के बाद आशा भोसले भीड़ में फंस गईं, तो उनकी मदद के लिए स्मृति ईरानी आगे आई। इसी जानकारी खुद आशा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरीए दी है।
आशा भोसले ने भाजपा नेता स्मृति ईरानी के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह के बाद वहां मौजूद भीड़ में फंस गई थी। स्मृति इरानी को छोड़कर वहां मौजूद किसी ने भी मेरी सहायता नहीं की। उन्होंने मेरी परेशानी समझी और सुरक्षित तरीके से घर पहुंचाने में मदद की। वह सबकी परवाह करती हैं और इसलिए उन्हें जीत मिली।”
I was stranded in the crazy rush post PM oath ceremony. No one offered to help me except @smritiirani who saw my plight & made sure I reached home safely. She cares & that’s why she won. pic.twitter.com/vDV84PrIVp
— ashabhosle (@ashabhosle) May 30, 2019
गौरतलब है कि, गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। इसमें राजनीतिज्ञों से लेकर कला, खेल, साहित्य, बॉलिवुड से जुड़े लोगों के साथ ही अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे। आशा भोसले को भी समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला और वह पहुंची थीं।
बता दें स्मृति ईरानी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। जिसमें स्मृति ईरानी ने कांग्रेस की पारंपरिक सीट अमेठी से राहुल गांधी को हरा दिया, जिसके बाद पार्टी में उनका कद भी बढ़ गया है। तभी से स्मृति ईरानी खबरों में लगातार बनी हुई हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी राहुल गांधी से हार गईं थी, लेकिन हार के बाद भी स्मृति लगातार अमेठी जाती रहीं।