राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने गुरूवार (13 सितंबर) को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव परिणाम में अध्यक्ष समेत तीन पदों पर कब्जा कर लिया। कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) को केवल एक पद से संतोष करना पड़ा है। एबीवीपी की अंकिव बसोया ने 1744 मतों के अंतर से अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है।
इसी संगठन के शक्ति सिंह को उपाध्यक्ष घोषित किया गया है। उन्होंने 7673 मतों के अंतर से जीत हासिल की है। एनएसयूआई के आकाश चौधरी सचिव पद पर जीतने में कामयाब रहे वहीं संयुक्त सचिव पद एबीवीपी की ज्योति को मिला है।
EVM मशीनों को लेकर हंगामा
इससे पहले गुरुवार को दिन में वोटों की गिनती के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर मतगणना स्थगित कर दी गई थी। शाम को सभी पक्षों के बीच मतगणना फिर से शुरु करने के लिए सहमति बनी। वोटों की गिनती के दौरान छात्र गुटों के बीच झड़पें और धक्कामुक्की भी हुई। ‘‘खराब ईवीएम और इसे लेकर छात्रों के हंगामे’’ को देखते हुए बीच में ही रोकनी पड़ी थी।
इस बीच चुनावों में ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की खबरों के बीच चुनाव आयोग ने सफाई दी है कि डूसू चुनाव कराने के लिए आयोग की तरफ से या राज्य चुनाव आयोग के तरफ से कोई मशीन नहीं दी गई। आयोग का कहना है कि युनिवर्सिटी प्रशासन ने यह मशीनें निजी स्तर पर मंगाई थीं। चुनाव अधिकारी ने साफ किया कि डीयूएसयू चुनाव में इस्तेमाल किए गए ईवीएम को चुनाव आयोग ने नहीं दिया था।
दिल्ली में मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के द्वारा जारी बयान के अनुसार, ‘डीयूएसयू के चुनावों में कुछ चैनलों द्वारा ईवीएम को लेकर जो लिखा जा रहा है उसके लिए मैं बताना चाहता हूं कि जिन ईवीएम पर सवाल उठाए जा रहे हैं वह चुनाव आयोग के नहीं हैं और इस ऑफिस द्वारा डीयू को ऐसी कोई ईवीएम मशीनें नहीं दी गई थी।’
बयान के मुताबिक, ‘राज्य चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि ऐसी कोई मशीनें उनके द्वारा भी नहीं दी गई थी। ऐसा लगता है डीयू ने निजी तौर पर मशीन हासिल किया था। इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट भी भेजी जाएगी।’ अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने निजी तौर पर ईवीएम उपलब्ध करा लिया था। चुनाव अधिकारी का यह बयान गुरुवार को चल रहे वोटों की गिनती के दौरान ‘ईवीएम में खराबी’ पर हंगामे के बाद आया है।
विपक्षी पार्टियों ने उठाए सवाल
चुनाव आयोग की सफाई के बाद विपक्षी पार्टियों के तमाम नेता हमलावर हो गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग से गंभीर सवाल पूछे हैं। उन्होंने ट्वीट कर पूछा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी को निजी तौर पर ईवीएम कहां से उपलब्ध हुए? क्या चुनाव आयोग ये दावा नहीं करती कि निजी तौर पर कोई भी ईवीएम का मैनूफेक्चर, खरीदारी या फिर बिक्री नहीं कर सकता। क्या चुनाव आयोग की अनुमति के बिना ईवीएम का इस्तेमाल करना अपराध नहीं है?
From where can u procure EVMs privately? Doesn’t ECI claim that no one can manufacture or buy or sell EVMs privately? Isn’t anyone found in possession of EVMs without EC’s permission guilty of criminal offence? pic.twitter.com/f0BION58w0
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 14, 2018
वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील अहमद ने ट्वीट कर पूछा है, “जब दिल्ली विश्विद्यालय को न चुनाव आयोग ने और न ही मुख्य चुनाव अधिकारी, दिल्ली, ने EVM दिया तो क्या दिल्ली विश्विद्यालय ने खुले बाज़ार से EVM ख़रीद कर छात्र संघ के चुनाव में इस्तेमाल किया? क्या बाज़ार मे EVM उपलब्ध है?”
जब दिल्ली विश्विद्यालय को न चुनाव आयोग ने और न ही मुख्य चुनाव अधिकारी, दिल्ली, ने EVM दिया तो क्या दिल्ली विश्विद्यालय ने खुले बाज़ार से EVM ख़रीद कर छात्र संघ के चुनाव में इस्तेमाल किया ? क्या बाज़ार मे EVM उपलब्ध है ? pic.twitter.com/M7ZPfjQgGz
— Shakeel Ahmad (@Ahmad_Shakeel) September 13, 2018
ये हैं विजेता
बता दें कि अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में एबीवीपी के अंकित बसोया ने एनएसयूआई के सन्नी छिल्लर को 1744 वोटों से हराकर जीत हासिल की। बसोया को 20467 और छिल्लर को 18723 मत मिले। पिछली बार अध्यक्ष पद एनएसयूआई ने जीता था। वहीं, उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के शक्ति सिंह ने एनएसयूआई की लीना को 7673 मतों के भारी अंतर से हराया। सचिव पद पर एनएसयूआई के आकाश चौधरी ने एबीवीपी के सुधीर डेढ़ा को 6089 वोटों से हराया।
चौधरी को 20198 और डेढ़ा को 14109 वोट मिले। जबकि संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी की ज्योति चौधरी विजयी हुईं। उन्होंने 5072 वोटों के अंतर से एनएसयूआई के सौरभ यादव को शिकस्त दी। ज्योति को 19353 और सौरभ को 14281 मत मिले। आम आदमी पार्टी (आप) की छात्र इकाई सीवाईएसएस और वामपंथी आईसा ने मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन उनकी झोली खाली ही रही।