अखिलेश यादव के समर्थन में आए सीएम केजरीवाल, बोले- इस तानाशाही और अलोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकने का आया समय

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर अवैध खनन मामले में सीबीआई जांच की तलवार लटक रही है। माना जा रहा है कि सीबीआई इस मामले में अखिलेश यादव से भी पूछताछ कर सकती है। ऐसे में अखिलेश के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी आ गए हैं।

सीएम केजरीवाल ने सोमवार (7 जनवरी) को एक ट्वीट कर कहा, ‘ऑफिस में अपने अंतिम सप्ताह में, मोदी सरकार ने बेशर्मी से सीबीआई को अखिलेश यादव के पीछे लगा दिया है।’ साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि यह मोदी सरकार के ‘तानाशाही और अलोकतांत्रिक’ शासन को उखाड़ फेंकने का समय है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे यह नहीं भूलें कि प्रधानमंत्री के राजनीतिक विरोधियों को पिछले पांच सालों के दौरान किस-किस चीज का सामना करना पड़ा।

अरविंद केजरीवाल ने सोमवार की सुबह ट्वीट कर लिखा, “कार्यकाल के अपने अंतिम हफ्तों में, मोदी सरकार ने बेशर्मी से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर कार्रवाई के लिए सीबीआई को उकसाया है कि जो हम सभी के लिए ताकीद है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान मोदी के राजनीतिक विरोधियों ने किस-किस चीज का सामना किया है। यह इस तानाशाही और अलोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकने का समय है।”

बता दें कि 2012 से 2016 के बीच उत्तर प्रदेश में कथित खनन घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पांच जनवरी को अवैध रेत खनन ममाले में एक महिला आईएएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, समाजवादी पार्टी के एक नेता और बहुजन समाज पार्टी के एक सदस्य के आवासों सहित दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 14 जगहों पर छापेमारी की थी। खनन घोटाले के दौरान यूपी का खनन विभाग तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के पास था, जिसके चलते माना जा रहा है कि सीबीआई इस मामले में उनसे भी पूछताछ कर सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भूमिका की भी जांच किए जाने की संभावना जताई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 2012 से जून 2013 तक खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार अखिलेश यादव के पास ही था। उनके मुताबिक, सीबीआई इस मामले में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को भी नोटिस भेज सकती है।

गौरतलब है कि सीबीआई 2015 में केजरीवाल सरकार के सत्ता में आने के बाद से दिल्ली सरकार के कई मंत्रियों के आवास और कार्यालय पर कई बार छापे मार चुकी है।

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