भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को उम्मीद है कि एसबीआई के सहायक बैंकों और भारतीय महिला बैंक के उसमें विलय की प्रक्रिया अक्टूबर अंत तक शुरू होगी।
एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि विलय की यह प्रक्रिया अगले साल मार्च तक पूरी होने की उम्मीद है। इसके बाद संपत्ति के लिहाज के दुनिया का 45वां सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा।
इससे पहले अगस्त में एसबीआई के केंद्रीय बोर्ड ने पांचों सहायक बैंकों तथा भारतीय महिला बैंक के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी और विलय के लिए अदलाबदली अनुपात को मंजूर किया किया था।
भाषा की खबर के अनुसार, भट्टाचार्य ने कहा,‘‘विलय की प्रक्रिया अक्टूबर अंत तक शुरू होगी। उम्मीद है कि शिकायत समिति इस माह के अंत तक हमारे पास आएगी। इसके बाद हम रिजर्व बैंक और सरकार के पास इसको अंतिम मंजूरी के लिए भेजेंगे। इसमें करीब एक माह का समय लगेगा। इसके बाद विलय किया जा सकेगा।’’
एसबीआई के तीन सूचीबद्ध सहायक बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर और दो गैर सूचीबद्ध सहायक बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद शामिल हैं।
भट्टाचार्य ने कहा कि पांच सहायक बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय के बाद सरकार की हिस्सेदारी बैंक में घटकर 59.70 प्रतिशत पर आ जाएगी जो जून तिमाही में 61.30 प्रतिशत थी। एसबीआई की कुल शाखाओं की संख्या 16,500 है। इनमें 191 विदेशी कार्यालय हैं जो 36 देशों में फैले हैं। एसबीआई ने सबसे पहले 2008 में स्टेट बैंक आफ सौराष्ट्र को खुद में मिलाया था। दो साल बाद उसने स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का विलय किया।