जवाहरलाल नेहरू पर फर्जी खबर फैलाने को लेकर अरुण जेटली को करना पड़ा शर्मिंदगी का सामना

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केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और मोदी सरकार में मौजूद सभी मंत्री इस चुनावी मौसम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर सवाल उठाने के बजाय देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को निशाने पर ले रहे हैं। यही वजह है कि बीजेपी नेताओं और मोदी सरकार के मंत्रियों को सोशल मीडिया पर उपहास का सामना करना पड़ रहा है।

(Photo Credits: PTI)

इस बीच ‘उपनाम को राजनीतिक ब्रांड’ के रूप में पेश करने को लेकर कांग्रेस पर बरसते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को उसे ‘वंशवादी पार्टी’ करार दिया। हालांकि जेटली को पंडित जवाहरलाल नेहरू पर किए गए एक फर्जी दावे को लेकर सोशल मीडिया पर काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। दरअसल, मध्य प्रदेश और मिजोरम में आज हो रहे विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर जेटली ने ट्वीट कर पंडित नेहरू को भारत में वंशवादी लोकतंत्र की नींव रखने का आरोप लगाया।

जेटली ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा कि जब पंडितजी (जवाहरलाल नेहरू) ने अपनी बेटी (भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) को अपना उत्तराधिकारी चुना तो उन्होंने भारत के वंशवादी लोकतंत्र की नींव भी रख दी। जब उनकी पुत्री 1975 (आपातकाल के दौरान) में तानाशाह बन गई तो कांग्रेस पार्टी का आदर्श भी भारत को एक ‘अनुशासित लोकतंत्र’ बनाना हो गया।

वित्त मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि हमारा देश वंशवादी राजनीति की कीमत चुका रहा है और देश के कई हिस्सों मे ऐसा देखा गया है। उन्होंने लिखा कि तीन परिवार, जिनमें 2 जम्मू-कश्मीर और एक दिल्ली में है, पिछले 71 साल से जम्मू-कश्मीर के भविष्य से खेल रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस पार्टी को देखते हुए कई और क्षत्रीय दल भी कांग्रेस के सिद्धांत पर ही चल पड़े हैं।

हालांकि जेटली का यह आरोप यह सोशल मीडिया पर जानकारों को रास नहीं आया। अशोक स्वैन ने जेटली को याद दिलाया कि जवाहरलाल नेहरू के निधन के 19 महीने बाद इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं। जबकि वह चाहतीं तो नेहरू और शास्त्री जी के दुखद निधन के बाद वह पीएम की कुर्सी पर बैठ सकती है, लेकिन नेहरू के निधन के बाद दो बार गुलजारीलाल नंदा और लालबहादुर शास्त्री के बाद वह प्रधानमंत्री बनीं। जबकि वह चाहती तो शास्त्री जी के दुखद निधन के बाद 1964 में पीएम बन सकती थीं।

बता दें कि ‘सरदार पटेल के पिता का नाम क्या था’ शीर्षक से फेसबुक पोस्ट में जेटली ने कहा है कि कांग्रेस जैसी वंशवादी पार्टी में प्रतिभा और मेधा का कोई स्थान नहीं होता है। परिवार के इर्द गिर्द की भीड़ कैडर होती है। जेटली की यह पोस्ट ऐसे समय में आई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवार के बारे में कांग्रेस नेताओं के बयान को लेकर विवाद हो गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस चाहती है कि 2019 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री मोदी, जो ऐसे माता पिता के पुत्र है जिनका नाम कम लोग जानते है तथा मेधा एवं क्षमता की बजाय अपने माता पिता के कारण जाने जाने वाले व्यक्ति के बीच हो…तब बीजेपी इस चुनौती का सहर्ष स्वीकार करेगी। उन्होंने कहा कि इसे 2019 एजेंडा बनाएं।

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