भारतीय सेना के जवान सिपाही चंदू बाबू लाल चव्हाण को पिछले सप्ताह पाकिस्तान ने रिहा कर दिया था जिसके बारें में कहा गया था कि वह गलती से सीमा पार कर गए थे। करीब चार माह बाद चंदू चव्हाण वतन वापस लौटे थे। अब पाकिस्तान की और से किए गए दावे की वजह से माना जा रहा है कि चंदू ने अपने सीनियर्स के साथ बहस के बाद जान बूझकर सीमा पार की हो।
चंदू पिछले साल 29 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में नियंत्रण रेखा पर स्थित अपनी अग्रिम सीमा चौकी से गायब हो गया था। इसके अगले ही दिन पता चला था कि 22 वर्षीय चंदू पाकिस्तानी सेना की गिरफ्त में है। जबकि भारतीय सेना ने 19 सितंबर के उरी हमले के बाद पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था।
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है ड्यूटी को लेकर चव्हाण का अपने सीनियर्स के साथ झगड़ा हो गया था और उसके बाद वह चौकी से गायब हो गया था।
नॉर्थन कमांडर ले. जनरल डीएस हुडा के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है मुझे सूचना मिली थी कि जेसीओ के साथ विवाद के बाद जवान अपनी चौकी से गायब हो गया था। उसके बाद हमें सूचना मिली कि वहे सीमा पार चला गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी दावे के बाद इस मामले पर चंदू की रोशनी डाल सकता है लेकिन अभी चंदू का इलाज चल रहा है। बताया गया है कि उसकी मनोदशा अच्छी नहीं है। कई घंटे तो उसे यही अहसास दिलाने में लग गए कि वह भारत आ चुका है। इसलिए कहा जा रहा है कि वह अभी बयान दर्ज कराने की स्थिति में नहीं है।