राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ मिलकर अलग मोर्चा बनाए जाने के बाद रालोसपा में ही आंतरिक कलह शुरू हो गया है। इस बीच, पार्टी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के पाला बदलने का क्रम जारी है।

रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के नजदीकी माने जाने वाले आनंद ने अपने इस्तीफे का पत्र पार्टी के प्रमुख कुशवाहा को भेज दिया है। लिखे पत्र में उन्होंने कहा कहा कि वे पार्टी में रहकर भारत और बिहार की सेवा करना चाहते थे, लेकिन अब रालोसपा में रहकर यह संभव नहीं था, इस कारण उन्होंने इस्तीफा दिया।
उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने चार साल तक पार्टी की सेवा की। उन्होंने कहा कि उनका राजनीति में आने का मकसद सांसद और विधायक बनना नहीं है, वे बिहार की समस्याओं को दूर करना चाहते थे। इधर, सूत्रों का कहना है कि आनंद जल्द ही राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि, मंगलवार की रात माधव आनंद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी आवास पहुंचकर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से लंबी मुलाकात की थी। इसके बाद से ही उनके रालोसपा के छोड़ने के कयास लगाए जाने लगे थे।
बता दें कि, एक सप्ताह के अंदर आरएलएसपी के कई नेताओं ने कुशवाहा का साथ छोड़ दिया है। इससे पहले बिहार आरएलएसपी के अध्यक्ष भूदेव चौधरी ने भी आरजेडी ज्वाइन कर लिया था। हालांकि, कुशवाहा ने बीएसपी के साथ गठबंधन कर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)