प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ किए जाने वाली अपनी भूख हड़ताल को स्थगित कर दिया है। इससे पहले अन्ना हजारे ने ऐलान किया था कि लोकपाल बिल और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर भूख हड़ताल करेंगे। लेकिन मंगलवार (2 अक्टूबर) को उन्होंने अचानक भूख हड़ताल अपने अपने फैसले से यू-टर्न ले लिया। अन्ना हजारे ने ये फैसला महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार के मंत्री गिरीश महाजन से मुलाकात के बाद ली।
आपको बता दें कि आज सुबह फडणवीस सरकार के मंत्री गिरीश महाजन अन्ना हजारे से मुलाकात और उनसे आंदोलन स्थगित करने की अपील की। अन्ना हजारे ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार ने लोकपाल को लागू करने की तरफ पॉजिटिव अप्रोच के साथ काम किया है, उन्होंने इसके लिए सर्च कमेटी भी बनाई है। इसके अलावा किसानों के मुद्दे पर अन्ना ने कहा कि सरकार की ओर से MSP बढ़ाकर इस तरफ कदम बढ़ा दिए गए हैं।
अन्ना हजारे ने पिछले दिनों कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार लोकपाल आंदोलन के कारण केंद्र की सत्ता में आई और वह लोकपाल की नियुक्ति को लेकर दो अक्तूबर यानी गांधी जयंति से भूख हड़ताल शुरू करने के अपने फैसले पर अटल हैं।
अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि पिछले चार साल में सरकार टाल-मटोल का रवैया अपनाती रही और लोकपाल या लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की। हजारे ने लिखा, ‘‘लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए 16 अगस्त, 2011 को समूचा देश सड़कों पर उतर आया था… आपकी सरकार इसी आंदोलन की वजह से सत्ता में आई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चार साल बीत गए लेकिन सरकार किसी न किसी कारण से लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति टालती रही।’’ हजारे ने इससे पहले घोषणा की थी कि वह गांधी जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर से रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल पर बैठेंगे। अन्ना हजारे ने कहा था कि किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जिसके चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं।