महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने केंद्र पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियों या नेताओं के खिलाफ बोलने वालों को केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। उनका बयान ऐसे वक्त पर आया है जब एक दिन पहले ही ईडी ने पीएमसी बैंक धन शोधन मामले में शिवसेना के सांसद संजय राउत की पत्नी को 29 दिसंबर को तलब किया है।
राकांपा के वरिष्ठ नेता देशमुख ने संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र में ‘‘राजनीतिक मकसद’’ से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का इस्तेमाल पहले कभी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के नेताओं या उनकी नीतियों के खिलाफ बोलने वालों को ईडी या सीबीआई का सामना करना पड़ रहा है। जहां तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की बात है, हमने फैसला किया था कि एजेंसी को महाराष्ट्र में किसी भी तरह की जांच के पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी।’’
देशमुख ने कहा, ‘‘हालांकि, ईडी को जांच के आदेश देने का अधिकार उनके (केंद्र सरकार के) पास है लेकिन राजनीतिक मकसद से इन अधिकारों का इस्तेमाल महाराष्ट्र में पहले कभी नहीं हुआ था।’’ वह संजय राउत की पत्नी को पूछताछ के लिए ईडी द्वारा तलब किए जाने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
इस बीच राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने संवाददाताओं से कहा कि अब कई लोगों को ईडी के नोटिस मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसके (ऐसे नोटिस मिलने के) पीछे राजनीतिक कारण हो सकते हैं या कुछ और भी। जो भी हो, तथ्य सामने आएंगे। मैं इस कार्रवाई का कुछ और मतलब नहीं निकालना चाहता हूं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, इस पर पटेल ने कहा, ‘‘हम लोग इन चीजों को अन्यथा नहीं लेते हैं। ऐसी चीजें होती हैं, कार्रवाई होती है। हम प्रक्रिया का पालन करते हैं।’’ (इंपुट: भाषा के साथ)