ICC द्वारा महेंद्र सिंह धोनी के दस्ताने से सेना के सम्मान वाले खास लोगो को हटाने के फरमान पर भड़के भारतीय

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भारत के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के दस्ताने से भारतीय सेना के ‘बलिदान’ बैज का लोगो हटाने को कहा है। आईसीसी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से अपील की कि वह धोनी से उनके दस्तानों पर बने सेना के खास लोगो को हटाने को कहे। आईसीसी विश्वकप-2019 में भारत के पहले मैच में धोनी साउथ अफ्रीका के खिलाफ विकेटकीपिंग दस्तानों पर इंडियन पैरा स्पेशल फोर्स के चिह्न के साथ खेल रहे थे।

आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा है कि वह धोनी के दस्तानों पर से यह चिह्न हटवाए। आईसीसी के महाप्रबंधक, रणनीति समन्वय, क्लेयर फरलोंग ने कहा, ‘हमने बीसीसीआई से इस चिह्न को हटवाने की अपील की है।’ धोनी के दस्तानों पर ‘बलिदान ब्रिगेड’ का चिह्न है। सिर्फ पैरामिलिट्री कमांडो को ही यह चिह्न धारण करने का अधिकार है। बता दें कि धोनी को 2011 में पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि मिली थी।

धोनी ने अपनी पैरा रेजिमेंट के साथ खास ट्रेनिंग भी हासिल की है। सेना के प्रति इस पूर्व भारतीय कप्तान का प्यार किसी से छिपा नहीं है। वह पहले भी कई बार बता चुके हैं कि वह भी सेना जॉइन करने का सपना देखते थे। सोशल मीडिया पर धोनी की इस पहल के लिए काफी तारीफ हो रही है, लेकिन आईसीसी की सोच और उसके नियम अलग हैं।

आईसीसी के इस फरमान के बाद भारतीय भड़क गए हैं। ट्विटर पर यूजर्स ने बीसीसीआई से गुजारिश की है कि वह आईसीसी के इस आदेश का पालन न करे।

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आईसीसी के नियम के मुताबिक, ‘आईसीसी के कपड़ों या अन्य वस्तुओं पर अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेद आदि का संदेश अंकित नहीं होना चाहिए।’ पहले मैच में धोनी के हरे दस्तानों पर जब बलिदान का यह प्रतीक दिखा और प्रशंसकों ने जब इसे पहचाना तो देश और सुरक्षाबलों के प्रति धोनी के प्रेम और प्रतिबद्धता की तारीफ होने लगी।

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