केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार का मंगलवार (13 नवंबर) को बेंगलुरु में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। चामराजपेट श्मशान घाट पर पुजारियों के मंत्रोच्चारण के बीच कुमार के छोटे भाई नंद कुमार ने स्मार्त ब्राह्मण रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया। आपको बता दें कि दक्षिण बेंगलुरु से 59 वर्षीय सांसद अनंत कुमार का सोमवार को बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। वह फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित थे।
नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि दिए जाने और कुमार के पार्थिव शरीर के पंचतत्व में विलीन होने के दौरान “अमर रहे, अमर रहे, अनंत कुमार अमर रहे’ के नारे हवा में गूंजते रहे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा भी इस दौरान यहां मौजूद रहे।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, रवि शंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, महेश शर्मा, विजय गोयल और सदानंद गौड़ा भी उपस्थित रहे। बेंगलुरु दक्षिण सीट से सांसद 59 वर्षीय कुमार ने श्री शंकरा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केन्द्र में सोमवार तड़के अंतिम सांस ली।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी श्रद्धांजलि
वहीं, समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के निधन पर मंगलवार को शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके “नेतृत्व’’ में बीजेपी को कर्नाटक में विस्तार मिला और अंतत: पार्टी ने अपनी एक सरकार बनाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में अनंत कुमार के सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा गया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कहा कि उनके निधन से राष्ट्र ने एक अनुभवी नेता खो दिया।मंत्रिमंडल द्वारा पारित एक प्रस्ताव के मुताबिक, एक छात्र कार्यकर्ता के तौर पर शुरुआत कर कुमार भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने। प्रस्ताव में कहा गया, “उनके नेतृत्व में ही पार्टी ने कर्नाटक राज्य में अपने पैर पसारे और आखिरकार अपने बलबूते पार्टी की सरकार बनाई।” मंत्रिमंडल ने विभिन्न क्षमताओं में राष्ट्र के लिए दी गई कुमार की सेवाओं का, मूल्यांकन रिकॉर्ड भी पेश किया।