गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के खिलाफ भरष्ट्राचार का एक अहम आरोप सामने आया है
2010 में करोड़ो रूपये का महाघोटाला आनंदी बेन पटेल ने नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए किया। जबकि वह खुद सरकार में राजस्व मंत्री थी। आज के पीएम नरेन्द्र मोदी इस बात से अच्छे से वाकिफ थे लेकिन उनके लिये ये एक बेहद मामूली बात थी।
ज़मीनों का आवंटन राजस्व मंत्री के अधिकार क्षेत्र में आता था। बस इसी बात का फायदा उठाते हुए आनंदी बेन पटेल ने राजस्व मंत्री रहते हुए अपनी बेटी अनार पटेल की हिस्सेदारी वाली कम्पनियों पर मेहरबानी करते हुए 250 एकड़ ज़मीन केवल 15 रूपये स्काअर मीटर पर आवंटित कर दी।
मुफ्त के भाव में ज़मीन देने के पीछे अनार पटेल की कम्पनियों में हिस्सेदारी है। 15 रूपये स्काअर मीटर पर जिस कम्पनी के नाम इस 250 एकड़ ज़मीन का आवंटन किया गया है उसका नाम है वाइल्ड वुडस रिर्जोट।
इस कम्पनी वाइल्ड वुडस रिर्जोट को जो दो मुख्य प्रमोटर चलाते है उनका नाम है दक्षेस शाह अमोल श्रीपाल शेठ। ये दोनों ही लोग दक्षेस शाह अमोल श्रीपाल शेठ इसके अलावा और भी कई कम्पनियां रन करते है जिनमें अनार पटेल की बड़ी हिस्सेदारियां है।
15 रूपये स्काअर मीटर के मामूली रेट पर जो 250 एकड़ ज़मीन वाइल्ड वुडस रिर्जोट को आवंटित की गई है वो जूनागढ़ गिर सेंचुरी जैसी प्राइम लोकेशन पर स्थित है।
मोदी राज में ज़मीनों कोे लेकर किए गए बड़े-बड़े घोटालों पर अब सवाल उठने लगे है।
अभी कुछ दिनों पहले ही सांसद हेमा मालिनी को नृत्य अकादमी के नाम पर मुफ्त बराबर बड़ी जम़ीन का आवटंन कर दिया गया था। जब मामला प्रकाश में आया तो हेमा मालिनी इस पर सफाई देती हुई नज़र आई।
इससे पहले भी महाराष्ट्र के जंगलों को अडानी के लिये ना बराबर की कीमत में आवंटित कर दिया गया था