मोदी सरकार की अहम 8 कैबिनेट कमेटियों में राजनाथ सिंह को केवल 2 में मिली जगह, अमित शाह सभी में शामिल

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अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी के मुद्दे से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहम कदम उठाया है। दोबारा सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ कैबिनेट कमिटियों का गठन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट समितियों को दोबारा गठित करते हुए सभी आठ समितियों में गृह मंत्री अमित शाह को स्थान दिया है, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सिर्फ दो समितियों में सदस्य हैं। इसमें निवेश बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने से संबंधित बनी दो मंत्रिमंडल समितियां अहम हैं।

PTI FILE

इसमें दिलचस्प बात ये है कि पीएम मोदी इन 8 कमेटियों में से 6 में शामिल हैं, जबकि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह केवल दो कमेटियों में हैं। वहीं, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सात पैनलों में और रेल मंत्री पीयूष गोयल पांच में शामिल हैं। भाजपा अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह सभी 8 कमेटियों का हिस्सा हैं। राजनाथ सिंह को अहम मानी जाने वाली राजनीतिक मामलों और संसदीय मामलों की कमेटी में शामिल नहीं किया गया है।

2014 में राजनीतिक और आवास से जुड़ी कमेटी में राजनाथ सिंह को रखा गया था। कहा जा रहा है कि इस फैसले से यह साफ हो गया है कि मोदी सरकार पीएम के बाद दूसरे नंबर पर अमित शाह हैं न कि राजनाथ सिंह। जिन दो कमिटियों में राजनाथ को शामिल नहीं किया गया है, उनमें अहम नीतिगत फैसले होते हैं। हालांकि राजनाथ सिंह को सुरक्षा और आर्थिक मामलों की कमेटी में जगह मिली है।

मोदी सरकार ने जिन 8 कमेटियों का दोबारा गठन किया है, उनमें- अप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ द कैबिनेट, कैबिनेट कमेटी ऑन अकोमडेशन, कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स, कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लियामेंट अफेयर्स, कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी, कैबिनेट कमेटी ऑन इनवेस्टमेंट एण्ड ग्रोथ, कैबिनेट कमेटी ऑन इम्पलॉयमेंट एण्ड स्किल डेवलेपमेंट शामिल हैं।

राजनाथ राजनीतिक मामलों की कमेटी में शामिल नहीं

नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ देश के प्रधानमंत्री बने हैं। दूसरे कार्यकाल में राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्री बनाया गया है। इससे पहले गृह मंत्री रहे राजनाथ को वित्तीय मामलों और सुरक्षा के कैबिनेट कमेटी में रखा गया है। वह पॉलिटिकल अफेयर्स से जुड़े कैबिनेट कमिटी से बाहर हैं। राजनाथ सिंह का इसमें नहीं होना इसलिए भी थोड़ा चौंकाने वाला है, क्योंकि पिछली सरकार में बतौर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण इसमें शामिल थीं।

कैबिनेट नियुक्ति समिति जो मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्तियां करती है, उसमें केवल मोदी और शाह हैं। आठ समितियों में दो नई समितियां हैं जो निवेश और रोजगार पर नजर रखेंगी। कैबिनेट समितियों की नई सूची के अनुसार, छह समितियों के अध्यक्ष प्रधानमंत्री और सभी समितियों के सदस्य बनाए गए गृहमंत्री अमित शाह शेष दो समितियों के अध्यक्ष होंगे। शाह दो समितियों- केबिनेट आवास समिति (सीसीए) और संसदीय मामलों की केबिनेट समिति के अध्यक्ष हैं।

राजनाथ सिंह आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) और सुरक्षा मामलों की केबिनेट समिति (सीसीएस) में शामिल हैं। गौर करने वाली बात है कि वे राजनीतिक मुद्दों पर फैसला लेने वाली राजनीतिक मामलों की केबिनेट समिति में नहीं हैं। प्रधानमंत्री नियुक्ति समिति, सीसीईए, राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति, सीसीएस, निवेश और वृद्धि मामलों की कैबिनेट समिति और रोजगार तथा कौशल विकास मामलों की कैबिनेट समिति के अध्यक्ष हैं।

केंद्रीय वित्त और कार्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण सात समितियों की सदस्य हैं। वे सीसीए, सीसीईए, संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति, राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति, सीसीएस, निवेश और वृद्धि मामलों की कैबिनेट समिति और रोजगार तथा कौशल विकास कैबिनेट समिति की सदस्य हैं।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तीन समितियों के सदस्य हैं। गडकरी दो समितियों- निवेश और वृद्धि पर कैबिनेट समिति और सीसीईए के सदस्य हैं। वे रोजगार तथा कौशल विकास मामलों की कैबिनेट समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। (इनपुट- पीटीआई/एएनआई/आईएएनएस के साथ)

 

 

 

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