भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की हरियाणा के जींद में 15 फरवरी को होने वाली बाइक रैली को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 150 कंपनियां मांगी हैं। उसी समय जाट समुदाय ने विरोध-प्रदर्शन का ऐलान कर रखा है।
यशपाल मलिक के अगुआई में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (AIJASS) ने घोषणा की है कि वह जींद में आयोजित होने वाले अमित शाह के दौरे के दौरान बाइक रैली को रोकेगी। आंदोलनकारियों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में जिंद तक पहुंचने की योजना बनाई है। वहीं, दूसरी ओर अब इसी रैली के खिलाफ एनजीटी में एक अर्जी डाली गई है।
आज तक की ख़बर के मुताबिक, एनजीटी में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि अमित शाह की रैली प्रदूषण के लिए खतरा हो सकती है, क्योंकि इसमें करीब 1 लाख से अधिक बाइक शामिल होंगी। एनजीटी ने इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए हरियाणा सरकार से 13 फरवरी तक जवाब में हलफनामा देने को कहा है। ख़बर के मुताबिक, यह याचिका विक्टर ढीसा नाम के वकील ने समीर सोढ़ी के द्वारा दाखिल की है।
एआईजेएएसएस (AIJASS) अध्यक्ष यशपाल मलिक ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि वे शाह की रैली का विरोध इसलिए करेंगे क्योंकि ‘उनकी मांगों को लेकर बीजेपी नेताओं ने धोखा किया है।’ इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, AIJASS की ओर से सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण की मांग की जा रही है। इसके अलावा 2016 में विरोध के दौरान भड़की हिंसा में दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग भी की जा रही थी।
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, जाट आरक्षण आंदोलन में मारे गए लोगों की याद में 18 फरवरी को प्रदेश में बलिदान दिवस मनाया जा रहा है। जिसके चलते 15 फरवरी को जींद के 7 मुख्य रास्तों पर बच्चे और महिलाओं के साथ ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर जाट पहुंचेंगे।