भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने केरल के प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध कर रहे भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं का समर्थन किया है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी को खत्म कर दिया था। सबरीमला मंदिर की पुरानी परंपरा के अनुसार 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। लेकिन अब न्यायालय के फैसले का भी विरोध हो रहा है।
FILE photo- @AmitShahइस बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के माकपा नीत एलडीएफ सरकार के फैसले का विरोध करने वाले श्रद्धालुओं को शनिवार को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए आरोप लगाया कि वामपंथी सरकार प्रदर्शनों को ताकत के बल पर ‘‘दबाना’’ चाहती है। जिला बीजेपी दफ्तर का उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि प्रदेश सरकार श्रद्धालुओं के प्रदर्शन को चुनौती देने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है।
अमित शाह ने कहा, ‘सरकार और कोर्ट को ऐसे आदेश देने चाहिए, जिनका पालन हो सके। उन्हें आदेश ऐसे नहीं देने चाहिए जो लोगों की आस्था का सम्मान न कर सकें। आर्टिकल 14 की दुहाई दी जाती है और 25 व 26 के तहत धर्म के अनुसार रहने का मुझे अधिकार है।’ उन्होंने कहा, ”अदालतें इस तरह के फैसले ना दें जो व्यवहारिक ना हों। आखिरकार आप पांच करोड़ भक्तों के विश्वास को कैसे तोड़ सकते हैं? हिंदू कभी महिलाओं के साथ भेदभाव नहीं करते। सभी त्योहारों में, पत्नियां अपने पति के साथ बैठकर त्योहार मनाती हैं।”
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं समेत प्रदेश भर में सभी वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 2000 से ज्यादा श्रद्धालुओं की गिरफ्तारी की भी आलोचना की। अपने संबोधन की शुरुआत ‘स्वामी शरणम अयप्पा’ के मंत्र से करते हुए उन्होंने कहा कि अगर विरोध प्रदर्शनों को दबाया जाना जारी रहा तो मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को ‘‘भारी कीमत’’ चुकानी होगी।
समाचार एजेंसी भाषा/पीटीआई के मुताबिक विजयन को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का विरोध प्रदर्शन को दबाना ‘‘आग से खेलने’’ के तुल्य है।उन्होंने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले के क्रियान्वयन के नाम पर मुख्यमंत्री को बर्बरता बंद करनी चाहिए।’’ शाह ने कहा, यहां तक कि प्रदेश में महिलाएं भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन के खिलाफ हैं।
बीेजपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि वामपंथी सरकार सबरीमला मंदिर को ‘‘बर्बाद’’ करने की कोशिश कर रही है और उनकी पार्टी माकपा के नेतृत्व वाली सरकार को ‘‘हिंदु धर्म को दांव पर नहीं लगाने देगी’’। शाह ने कहा, ‘‘किसी भी दूसरे अयप्पा मंदिर में महिलाओं के पूजा करने पर कोई पाबंदी नहीं है…सबरीमला मंदिर की विशिष्टता को बचाए रखना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कम्युनिस्ट सरकार मंदिरों के खिलाफ साजिश रच रही है। उन्होंने केरल में आपातकाल जैसी स्थिति बना दी है।’’ वामपंथी सरकार द्वारा पूर्व के कई अदालती आदेशों को लागू न किए जाने को याद करते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में अदालत के आदेश का क्रियान्वयन लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद महिलाओं को मंदिर में नहीं आने दे रहे हैं।