देश भर के साथ ही दिल्ली में भी तेजी से पांव पसार चुके कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे राज्य में कोहराम मचा रखा है। दिल्ली में जारी कोरोना संकट के बीच अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के साथ भी अस्पतालों की बेरुखी सामने आ रही है। अस्पतालों में बेड की कमी के साथ ऑक्सीजन की कमी के कारण भी डॉक्टर मरीज को भर्ती नहीं कर रहे हैं। हालात ये हो गए हैं कि परिजन संक्रमित मरीज को जमीन पर ही लिटा कर इंतजार करने पर मजबूर हैं। लेकिन फिर भी सबको इलाज नहीं मिल रहा। ऐसा ही एक मामला दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में देखने को मिला है।
दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दोपहर एक 73 वर्षीय मरीज जमीन पर लेटी हुई थी, परिजनों की जानकारी के अनुसार उन्हें कोरोना संक्रमण है, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने अलग-अलग बात कहकर भर्ती करने से मना कर दिया है। दिल्ली के पटेल नगर निवासी जीवन सिंह अपनी 73 वर्षीय मां गंगा देवी को आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराने लाए थे, घंटों तक अस्पताल में जमीन पर पड़ी रही, लेकिन उन्हें अस्पताल में बेड नहीं मिला।
उन्होंने आईएएनएस को बताया कि, “मेरी मां को कोरोना है सुबह रिपोर्ट लेकर आए उसके बाद एक अस्पताल से आरएमएल अस्पताल भेज दिया। अब यह किसी और अस्पताल ले जाने के लिए बोल रहे हैं।” अस्पताल अब अपनी लाचारी छुपाने के लिए सुरक्षाकर्मियों का सहारा ले रहे हैं और परिवार से सच्चाई बयां करने के लिए भी मना कर रहे हैं। जीवन सिंह को अस्पताल में खड़े सुरक्षाकर्मियों ने मीडिया से बात करने के लिए भी मना कर दिया।
महिला को अस्पताल से बाहर निकालने के बाद आईएएनएस को बताते हुए कहा कि, “सुरक्षाकर्मियों ने हमसे कहा कि सच्चाई बोलने से कोई फाएदा नहीं है, अगर तुम्हारी अस्पताल में अप्रोच हो तो लगवाओ। यदि नहीं है तो कहीं भी चले जाओ, कुछ नहीं होने वाला।”
जीवन सिंह के साथ मौजूद एक और परिजन ने आईएएनएस को बताया कि, “अस्पताल ने कह दिया है ना ऑक्सीजन है न बेड, अब हम इन्हें घर ले जाएंगे।” थोड़ी देर बाद जीवन सिंह ने ऑटो किया और अपनी संक्रमित मां को अस्पताल से घर ले गए।
आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, जब मीडिया महिला के परिजनों से बात कर रहे था, उसी दौरान अस्पताल में मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने पत्रकारों से बदसलूकी की और मोबाइल भी छीन लिए।