‘द सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन’ (सीआईएनटीएए) ने मंगलवार (13 नवंबर) को कहा कि उसने आलोक नाथ को निष्कासित कर दिया है। आपको बता दें कि एक महीने पहले लेखिका-निर्माता विंता नंदा ने अभिनेता पर बलात्कार का आरोप लगाया था। नंदा ने नाथ पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 19 वर्ष पहले उनसे एक से अधिक बार बलात्कार किया।
सीआईएनटीएए ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘आलोक नाथ के खिलाफ यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के विभिन्न आरोपों के मद्देनजर उचित विचार विमर्श के बाद सीआईएनटीएए की कार्यकारी समिति ने उन्हें एसोसिएशन से निष्कासित करने का निर्णय किया है।’’ सीआईएनटीएए ने इससे पहले नाथ को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
सम्पर्क किए जाने पर नाथ ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा कि उन्हें अभी तक कोई आधिकारिक पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सीआईएनटीएए से अभी तक कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है।’’ नंदा के अलावा अभिनेत्री संध्या मृदुल ने भी नाथ पर वर्षों पहले एक बाहरी शूट के दौरान यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। नाथ ने बार बार आरोपों से इनकार किया है और नंदा के खिलाफ मानहानि का एक मामला भी दायर किया है।
देश भर में चल रहे ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) के तहत हर रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अमेरिका से शुरू हुए ‘मीटू’ आंदोलन ने भारत में भी भूचाल मचा दिया है। मी टू अभियान के तहत हर रोज बॉलीवुड सहित अलग-अलग संस्थान में कार्यरत महिलाएं आगे आकर अपनी आपबीती बयां कर रही हैं। सोशल मीडिया पर ये महिलाएं आरोपी के खिलाफ सबूत भी पेश कर रही हैं।
अभिनेता नाना पाटेकर पर एक फिल्म की शूटिंग के दौरान 2008 में अपने साथ दुर्व्यवहार करने का अदाकारा तनुश्री दत्ता द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद देश में शुरू हुआ ‘‘मी टू’’ अभियान तेजी से आगे बढ़ा है। कई महिलाओं ने सामने आकर विभिन्न शख्सियतों के खिलाफ अपनी शिकायत व्यक्त की है। यौन दुर्व्यवहार के आरोपियों में पूर्व विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर, फिल्म निर्देशक सुभाष घई, साजिद खान, रजत कपूर और अभिनेता आलोक नाथ आदि शामिल हैं। अकबर ने अपने खिलाफ लगे इन आरोपों को लेकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।