अवैध खनन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पूछताछ किए जाने की संभावना के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने परिवार के साथ अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक खूबसूरत सी तस्वीर शेयर किया है। वहीं, वहीं, खनन घोटाले में नाम आने के बाद उन्होंने ट्विटर का सहारा लेते हुए शायराना अंदाज में तंज कसा है। अखिलेश का यह फोटो और कविता दोनों सोशल मीडिया पर काफी शेयर हो रहा है।
पत्नी डिंपल यादव सहित अपने परिवार के सदस्यों की फोटो पोस्ट करते हुए सपा प्रमुख ने लिखा है, “दुनिया जानती है इस ख़बर में हुआ है मेरा ज़िक्र क्यों, बदनीयत है जिसकी बुनियाद उस ख़बर से फ़िक्र क्यों” अखिलेश ने टि्वटर पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें वह अपनी पत्नी डिंपल यादव और बच्चों के साथ बैठे हुए दिख रहे हैं। उनके इस ट्वीट को सीबीआई जांच की रिपोर्ट्स को लेकर बीजेपी पर तंज के रूप में देखा जा रहा है।
दुनिया जानती है इस ख़बर में हुआ है मेरा ज़िक्र क्यों
बदनीयत है जिसकी बुनियाद उस ख़बर से फ़िक्र क्यों pic.twitter.com/j30bqYcHlw— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 8, 2019
बता दें कि सीबीआई की टीमों ने शनिवार (5 जनवरी) को अवैध खनन मामले में आईएएस के वरिष्ठ अधिकारी के उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और दिल्ली स्थित आवास समेत 12 ठिकानों पर छापा मारा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ने समाजवादी पार्टी (सपा) शासन के दौरान बुंदेलखंड क्षेत्र में खनन घोटाले के सिलसिले में यूपी की चर्चित वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला के आवास समेत 12 ठिकानों पर छापा मारा। इस बीच टीम ने वरिष्ठ अधिकारी के आवास से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।
पूर्ववर्ती सपा सरकार के शासनकाल में वर्ष 2012 से 2016 के बीच राज्य में हुए कथित खनन घोटाला मामले में सीबीआई ने शनिवार को बी. चंद्रकला के घर पर छापा मारा था। सीबीआई ने बुंदेलखण्ड में अवैध खनन के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर चंद्रकला समेत 11 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। वर्ष 2012-13 में खनन विभाग तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था।
अखिलेश तक पहुंच सकती है जांच की आंच
लिहाजा माना जा रहा है कि सीबीआई इस मामले में उनसे भी पूछताछ कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भूमिका की भी जांच किए जाने की संभावना जताई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 2012 से जून 2013 तक खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार अखिलेश यादव के पास ही था। उनके मुताबिक, सीबीआई इस मामले में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को भी नोटिस भेज सकती है।
छापेमारी के बाद इस अवैध खनन मामले में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की भूमिका की जांच के भी संकेत दिए। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि अखिलेश यादव सीबीआई के रडार पर हैं और उनसे पूछताछ की जा सकती है। समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार में खनन मंत्री रही गायत्री प्रजापति की भूमिका पहले से ही जांच के दायरे में है।
वर्ष 2011 के बाद के उत्तर प्रदेश के सभी खनन मंत्रियों से पूछताछ हो सकती है। वर्ष 2012-13 में खनन मंत्रालय तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास ही था। सीबीआई ने बताया कि खनन घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बी. चन्द्रकला के अलावा आदिल खान, तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, सपा के विधान पार्षद रमेश मिश्रा और उनके भाई, खनन क्लर्क राम आश्रय प्रजापति, अंबिका तिवारी (हमीरपुर), संजय दीक्षित, खनन क्लर्क राम अवतार सिंह और उनके रिश्तेदार आरोपी हैं।
आलोचनाओं से घिरी सीबीआई ने उत्तरप्रदेश में खनन मामले का विस्तृत ब्यौरा देते हुए दावा किया कि अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे उस वक्त उनके कार्यालय ने एक दिन में 13 परियोजनाओं को मंजूरी दी। सीबीआई ने दावा किया कि उस वक्त खनन मंत्रालय अपने पास रखने वाले यादव ने 14 लीज को मंजूरी दी जिसमें से 13 को ई-टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन कर 17 फरवरी 2013 को मंजूरी दी गई।