जम्मू कश्मीर में तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम के तहत पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के कुछ ही देर बाद जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार (21 नवम्बर) की रात राज्य विधानसभा को भंग कर दिया। विधानसभा भंग होने के बाद से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कई बड़े नेताओं ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
इसी बीच, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर विधानसभा भंग करने के राज्यपाल के फैसले को अलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर से लेकर केरल तक हर जगह लोकतंत्र ख़तरे में है, ऐसे में देश के सभी विचारवान लोगों को साथ आकर देश को बचाना होगा। अखिलेश ने अपने इस ट्वीट में बिना नाम लिए सीधा बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने गुरुवार (22 नवम्बर) की सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, “जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का अचानक भंग किया जाना पूर्णत: अलोकतांत्रिक है। आज कश्मीर से लेकर केरल तक हर जगह लोकतंत्र ख़तरे में है। देश के सभी विचारवान नागरिकों को एक साथ आना होगा नहीं तो जनतंत्र व जनमत का गला घोंट दिया जाएगा।”
जम्मू-कश्मीर की विधान सभा का अचानक भंग किया जाना पूर्णत: अलोकतांत्रिक है. आज कश्मीर से लेकर केरल तक हर जगह लोकतंत्र ख़तरे में है. देश के सभी विचारवान नागरिकों को एक साथ आना होगा नहीं तो जनतंत्र व जनमत का गला घोंट दिया जाएगा.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 22, 2018
बता दें कि विधानसभा भंग करने की कार्रवाई से कुछ ही समय पहले जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस के समर्थन से जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश किया था। मुफ्ती ने बुधवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लिखे पत्र में कहा था कि राज्य विधानसभा में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी है जिसके 29 सदस्य हैं।