उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को चिट्ठी लिखकर सभी निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम और दवा की दुकानों पर 500 और 1000 के पुराने नोटों की स्वीकार्यता को कम से कम 30 नवंबर तक बढ़ाने का अनुरोध किया।
इसमें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अब भी बहुत बड़ी आबादी अपनी चिकित्सीय आवश्यकताओं के लिए निजी क्षेत्र पर निर्भर है।
ऐसे में 500 और 1000 रुपये के नोटों का चलन बीते आठ नवंबर को अचानक बंद किए जाने से खासकर निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों एवं उनके तीमारदारों को भारी दिक्कतें हो रही हैं।
कई मरीजों के लिए यह स्थिति जानलेवा भी हो रही है। मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप कर इस आदेश की अवधि को बढ़ाने की बात कही है।
आपको बता दे कि काले धन को रोकने की खातिर लाई गई इस जनविरोधी योजना पर खुद बीजेपी ने भी माना सरकार की मौजूदा काला धन रोकने की योजना,आम आदमी के लिए खास परेशानी का सबब बन रही है।
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने इस फैसले पर प्रेस कांफ्रेस में कहा सरकार के इस फैसले से सबसे ज्यादा प्रभावित होगा आम आदमी।
मीनाक्षी लेखी ने कहा- सरकार द्वारा चलाई गई ये योजना काला धन का प्रसार रोकने में कुछ नहीं करती क्योंकि जिनके पास काला धन है, वो आसानी से सफेद कर लेंगे लेकिन जो आम आदमी हैं, जो अनपढ़ हैं जिनका कोई बैंक अकाउंट नहीं हैं जिन लोगों ने अपनी जमा पूंजी इकट्ठा की है वो खासे प्रभावित होंगे।