प्रयागराज: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष मंहत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, सुसाइड नोट में आरोप पर शिष्य आनंद गिरि गिरफ्तार

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सोमवार की शाम को संदिग्ध परिस्थितियों में इलाहाबाद में अपने आवास पर मृत पाए गए, उनका शव अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित उनके आवास में मिला। पुलिस ने सूचना मिलते ही मठ को सीज कर दिया। पुलिस को वहां से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया है।

वहीं दूसरी ओर महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को उत्तराखंड में पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी वसीयत की जानकारी भी इसी में दी। पुलिस का इस संबंध में कहना है कि वो अभी इसे विस्तार से देख रहे हैं और उसके बाद ही स्थिति को साफ किया जा सकेगा। नरेंद्र गिरि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे, जो भारत में धार्मिक हिंदू नेताओं का सबसे बड़ा संगठन है। इलाहाबाद के नगर पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह के मुताबिक गिरि अपने कमरे में फांसी पर लटके पाए गए।

हिरासत में लिए जाने के पहले आनंद गिरि मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि इस बात में उन्हें कोई शक नहीं कि उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरि की हत्या की गई है। इसमें कौन लोग शामिल है, इस बात का खुलासा होना चाहिए। कई लोग ऐसे हैं, जिन पर उन्हें शक है और सच्चाई सामने आनी चाहिए। मैं अगर दोषी पाया जाता हूं तो फिर मुझे भी सजा मिलनी चाहिए।

गौरतलब है कि, महंत नरेंद्र गिरि हाल में ही अपने शिष्य आनंद गिरि से विवाद में चर्चा में आए थे। हालांकि वह विवाद आनंद गिरि के माफी मांगने के बाद खत्म हो गया था, लेकिन मठ और मंदिर में आनंद का प्रवेश नहीं हो पाया था।

एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि मठ और आश्रम को लेकर आगे क्या करना है। किस तरह से व्यवस्था होगी, क्या करना है। एक तरह से सुसाइड नोट में उनका वसीयतनामा है। इसमें विस्तार से लिखा है कि किसे क्या देना है और किसके साथ क्या करना है।

पुलिस के अनुसार, सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि वह अपने एक शिष्य से दुखी थे। पुलिस ने शिष्य का नाम तो नहीं बताया, लेकिन सूत्रों के अनुसार, उन्होंने आनंद गिरि का नाम लिखा है। जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। उनका शव फांसी पर लटका मिला था। पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट होगा कि उनकी मौत कैसे हुई।

आईजी के.पी. सिंह का कहना है कि नरेंद्र गिरि का शव फांसी पर लटका मिला। प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही अंतिम रूप से कुछ कहा जा सकता है। पुलिस अधिकारियों ने मठ के सेवादारों से पूछताछ की है। सोमवार को सुबह से ही मठ आने और जाने वालों की सूची भी मांगी गई है। महंत नरेंद्र गिरि के मोबाइल नंबर की भी जांच की जा रही है।

News18 के अनुसार आनंद गिरी ने कहा कि महंत के साथ रहने वाला एक पुलिस कांस्टेबल अजय सिंह साजिश में शामिल हो सकता है क्योंकि उसने एक मनीष शुक्ला का नाम लिया था, जिसकी शादी महंत जी ने तय की थी और 5 करोड़ रुपये का घर दिया था। ‘

इस बीच, महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद, दिनेश शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव समेत विभिन्न दलों के लोग और संत महात्माओं ने अपनी शोक संवदेनाएं जताई हैं। (इंपुट: IANS के साथ)

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