उत्तर प्रदेश के आगरा से वसीयत को लेकर एक चौंकाने वाली ख़बर सामने आई है। यहां एक बुजुर्ग ने अपनी सारी सम्पत्ति आगरा के जिलाधिकारी के नाम कर दी है। बुजुर्ग व्यक्ति ने वसीयत की कॉपी भी आगरा सिटी मजिस्ट्रेट को सौंप दी है। इसकी जानकारी बजुर्ग ने खुद दी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह संपत्ति लगभग दो करोड़ रुपये की है। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग पेशे से मसाला व्यापारी हैं और वह अपने बड़े बेटे से बहुत परेशान रहते हैं। बुजुर्ग का का कहना है कि काफी सोच समझने के बाद उन्होंने उक्त कदम उठाया है। आगरा के पीपलमंडी निरालाबाद निवासी गणेश शंकर पांडेय ने करीब 225 वर्ग गज की प्रॉपर्टी आगरा के जिलाधिकारी के नाम लिखवा दी है।
बुजुर्ग ने पत्रकारों को बताया, ‘‘घर में किसी चीज की कमी नहीं है। सब आराम से चल रहा है। उनका बड़ा बेटा दिग्विजय, बहू और दो पोते-पोती उनके साथ ही रहते हैं लेकिन कुछ समय से दिग्विजय उसने लगातार संपत्ति के एक चौथाई भाग की मांग कर रहा है, जो उनकी परेशानी का सबसे बड़ा कारण है।’’
पांडेय का कहना है कि उन्होंने कई बार कोशिश की कि दिग्विजय को व्यापार पर बैठाया जाए या उसे समझाया जाए लेकिन वह सुनने को तैयार ही नहीं है और संपत्ति के लिए परेशान करता है। उन्होंने बताया कि इसी उलझन के चलते पांडेय ने जिलाधिकारी को ही सारी संपत्ति दे दी।
पांडे अपने भाइयों के साथ रहते हैं। उन्होंने अपने भाई नरेश, रघुनाथ और अजय के साथ मिलकर 1983 में जमीन खरीद कर घर बनवाया था। कुछ समय के बाद संपत्ति का बंटवारा हो गया। पांडेय एक चौथाई मकान के मालिक हैं, जिसकी कीमत लगभग 2 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है।
वहीं, इस संबंध में शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट ए के सिंह का कहना है कि बीते गुरुवार को उनके पास एक बुजुर्ग आए थे, जो पीपल मंडी निरालाबाद के रहने वाले हैं। उन्होंने अपने बेटे से परेशान होने की बात कही और अपनी पूरी प्रॉपर्टी जिलाधिकारी के नाम लिखवा दी है। इसके लिए वह रजिस्टर्ड वसीयत भी लाए थे, मजिस्ट्रेट ने उनसे प्रॉपर्टी के सारे कागजात ले लिए हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)
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