शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के स्मारक पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के श्रद्धांजलि देने के कुछ घंटे बाद शिवसैनिकों ने गुरुवार को स्थल को गौमुत्र से धोया और उसे शुद्ध करने के लिए दूध से अभिषेक किया। वहीं, भाजपा ने शिवसेना कार्यकर्ताओं के स्मारक को धोने के कृत्य की आलोचना की है।
स्मारक पर जाने के राणे के फैसले का शिवसेना के कुछ नेताओं ने पहले विरोध किया था। समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, राणे के दौरे के बाद स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता अप्पा पाटिल ने उस स्थान को गौमुत्र से धोया जहां राणे ने ठाकरे को श्रद्धांजलि दी थी और उसके बाद उनकी प्रतिमा का दूध से अभिषेक किया।
पाटिल ने संवाददाताओं को बताया, ‘राणे यहां बालासाहेब को श्रद्धांजलि देने आए थे, लेकिन उसी दौरान उन्होंने उस पार्टी की आलोचना की जिसकी स्थापना उन्होंने की है। उनके आने से यह स्थान अशुद्ध हो गया था, इसलिए हम इसे स्वच्छ करना चाहते थे।’
राणे पहले शिवसेना में थे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था और 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गए। हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने के बाद मुंबई में उन्होंने जन आशीर्वाद यात्रा की शुरूआत की।
शिवसेना के स्थानीय सांसद विनायक राउत ने कहा कि बाल ठाकरे राणे जैसे लोगों को कभी आशीर्वाद नहीं देंगे। राउत ने बुधवार को कहा था कि शिव सैनिक केंद्रीय मंत्री को स्मारक पर जाने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी को तोड़ा था। लेकिन शिवसेना कार्यकर्ताओं ने राणे के दौरे के दौरान कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया।
भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना कार्यकर्ताओं के स्मारक को धोने के कृत्य की आलोचना की है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने कहा कि बाल ठाकरे किसी की ‘‘निजी संपत्ति’’ नहीं हैं ।भाजपा के एक अन्य नेता आशीष शेलार ने कहा कि शिवसेना को ऐसी ‘नौटंकी’ बंद करनी चाहिए।