मोदी सरकार को लगा एक और बड़ा झटका, ADB ने देश की GDP की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.7 प्रतिशत किया

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महंगाई के मोर्चे आलोचना का सामना कर रही मोदी सरकार को एक और बड़ा झटका लगा है। जहां एक तरफ मंगलवार (12 दिसंबर) को आई रिपोर्ट में खुदरा महंगाई (सीपीआई) में 1 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है, नवंबर में खुदरा महंगाई दर 3.58 फीसदी से बढ़कर 4.88 फीसदी पर पहुंच गई है।

वहीं दूसरी ओर बुधवार (13 दिसंबर) कोे एशियाई विकास बैंक (ADB) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को 0.3 प्रतिशत घटा दिया है। बैंक ने इस वर्ष जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, एडीबी ने इसके लिए पहली छमाही में सुस्त वृद्धि, नोटबंदी और कर क्षेत्र में सुधारों के कारण उत्पन्न चुनौतियों को जिम्मेदार ठहराया है। बैंक ने अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अनुमान में भी बदलाव किया है।

मार्च 2018 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पहले इसके 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। एडीबी ने वैकि स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और निजी क्षेत्र में सुस्त निवेश को इसके लिए जिम्मेदार बताया है।

एडीबी ने अपनी रिर्पोट में कहा कि, 2017-18 की पहली छमाही में वृद्धि दर सुस्त रहने, नोटबंदी का प्रभाव, जीएसटी लागू किए जाने से उत्पन्न चुनौतियों और 2017 में असमान मानसून की वजह से कुछ कृषि जोखिमों के कारण अर्थव्यवस्था के 6.7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ने का अनुमान है।

इससे पहले वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। उल्लेखनीय है कि, देश की आर्थिक वृद्धि दर सितंबर में समाप्त हुई दूसरी तिमाही में सुधरकर 6.3 प्रतिशत हो गई थी। पहली तिमाही में वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत थी।

एडीबी ने वित्त वर्ष 2017-18 की शेष बची दो तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर में सुधार होने का अनुमान जताया है। बैंक ने कहा कि सरकार की ओर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर आने वाली दिक्कतों को कम करने के उठाए गए कदमों के साथ-साथ बैंक पुनर्पूंजीकरण के कारण जीडीपी में सुधार देखने को मिल सकता है।

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