बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री जूही चावला द्वारा 5जी प्रौद्योगिकी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान अभिनेत्री के एक प्रशंसक द्वारा उनकी फिल्मों का गाना गाने को लेकर टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश ने गुरुवार को कहा, “वास्तव में वह संगीतमय सुनवाई थी।”
बॉलीवुड अभिनेत्री की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग करने वाले न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने कहा, “शुक्र है” उन्हें उस मामले की सुनवाई नहीं करनी थी। बुधवार को सुनवाई के दौरान हुई उस घटना का जिक्र गुरुवार को रामदेव के एलौपैथिक चिकित्सा पद्धति के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर सुनवाई के दौरान चर्चा में आया। योग गुरू के मामले पर सुनवाई के अंत में न्यायमूर्ति ने यह टिप्पणी की और कहा कि अब वह यह देखना चाहते हैं कि आज के मामले की सुनवाई को प्रेस किस तरह कवर करता है।
न्यायमूर्ति हरि शंकर ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं यह देखने जा रहा हूं कि कल इसकी रिपोर्टिंग कैसे होती है। शुक्र है मुझे कल जूही चावला के मामले में सुनवाई नहीं करनी थी। वह मामला पहले सुनवाई के लिए मेरे पास आया था लेकिन कुछ कारणों से मैंने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।” रामदेव की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने इस चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि उन्होंने अदालती कार्यवाही का लिंक किसी के साथ साझा नहीं किया है। उनका इशारा चावला द्वारा अपने ट्विटर अकाउंट पर डिजिटल सुनवाई का वेबलिंक साझा करने के संदर्भ में था।
गौरतलब है कि, दिल्ली हाई कोर्ट में अभिनेत्री एवं पर्यावरणविद् जूही चावला की 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान उस समय रूकावट पैदा हो गई, जब एक व्यक्ति ने चावला की पुरानी फिल्मों के गाने गाए। ऑनलाइन सुनवाई के दौरान न्यायाधीश के निर्देश पर इस शख्स को हटाए जाने के बावजूद वह दोबारा शामिल होकर बीच-बीच में जूही चावला की फिल्मों के गीत गाने लगा।
अभिनेत्री जूही चावला भी दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान जुड़ी रहीं। अलग-अलग नामों से सुनवाई में शामिल होने वाले व्यक्ति ने सबसे पहले चावला की मशहूर फिल्म ”हम हैं राही प्यार के” का ”घूंघट की आड़ में दिलबर का दीदार अधूरा रहता है” गीत गाया, जिसके बाद उसे सुनवाई से हटा दिया गया।
इसके बाद फिर से यह व्यक्ति सुनवाई में जुड़ गया और उनकी एक और फिल्म ”नाजायज” का ”लाल लाल होठों पे गोरी किसका नाम है…जूही चावला” गाने लगा। दोबारा हटाए जाने पर एक बार फिर व्यक्ति ने ”मेरी बन्नो की आएगी बारात, के ढोल बजाओ जी” गाया। अंत में व्यक्ति ने कहा, ”जूही मैम कहां हैं, मैं उन्हें नहीं देख पा रहा।” इस पर न्यायाधीश ने इस व्यक्ति की आवाज को बंद करने का निर्देश दिया।
हाई कोर्ट ने जूही चावला की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री से पूछा कि 5G को लेकर सरकार संपर्क किए बिना वह सीधे मामले को लेकर कोर्ट क्यों आ गई हैं? अदालत ने कहा कि उसकी याचिका पब्लिसिटी स्टंट लगती है। जूही चावला ने भारत में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें नागरिकों, जानवरों, वनस्पतियों और जीवों पर विकिरण के प्रभाव से संबंधित मुद्दों को उठाया।