मराठी अभिनेता विक्रम गोखले ने भाजपा समर्थक बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के विवादास्पद बयान का रविवार को समर्थन किया। बता दें कि, कंगना रनौत ने कहा था कि 1947 में भारत को जो मिला था, वह ‘‘भीख’’ थी और देश को असली आजादी 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने।
महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में गोखले ने कहा कि रनौत ने जो कहा था वह सच है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं रनौत के बयान से सहमत हूं। हमें आजादी दी गई थी। (ब्रिटिश राज में) जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को फांसी दी जा रही थी तब तब बहुत से लोग मूकदर्शक मात्र थे। इन मूकदर्शकों में बहुत से वरिष्ठ नेता थे। उन्होंने उन स्वतंत्रता सेनानियों को नहीं बचाया जो अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहे थे।’’
I agree with what Kangana Ranaut has said. We got freedom in alms. It was given. Many freedom fighters were hanged and the big-wigs at that time didn't attempt to save them. They remained mere mute spectators: Actor Vikram Gokhale in Pune pic.twitter.com/4gBSYwFjqf
— ANI (@ANI) November 14, 2021
गोखले को मराठी थिएटर, बॉलीवुड और टीवी पर अभिनय के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत हर राजनीतिक दल विवाद में अपना फायदा देखता है।
त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा और उसके विरोध में अमरावती तथा अन्य शहरों में हुए बवाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में गोखले ने कहा कि सांप्रदायिक दंगे वोट बैंक की राजनीति का नतीजा हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हर राजनीतिक दल वह (वोट बैंक की राजनीति) करता है।’’
महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर गोखले ने कहा कि पूर्व सहयोगी दलों- शिवसेना और भाजपा को देश की भलाई के लिए फिर से साथ आना चाहिए।
गौरतलब है कि, कंगना रनौत ने टाइम्स नाउ समिट में विवादित बयान देते हुए कहा था कि 1947 में देश को मिली आजादी भीख थी और असल आजादी 2014 में मिली है। कंगना के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उनका इशारा भाजपा के केंद्र में सत्तासीन होने की ओर था। वह अपने इस बयान से आलोचनाओं से घिर गई हैं।
कंगना के इस बेतुके बयान से देशवासियों में अभिनेत्री के खिलाफ रोष पैदा हो रहा है और वे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, कई लोग कंगना से पद्मश्री वापस लेने की भी मांग कर हैं। यहां तक कि कंगना रनौत के खिलाफ कई जगहों पर शिकायते भी दर्ज की गई है, जबकि कुछ लोगों ने सड़कों पर उनके पुतले भी फूंके। (इंपुट: भाषा के साथ)
[Please join our Telegram group to stay up to date about news items published by Janta Ka Reporter]