अंग्रेजी समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के एंकर और संस्थापक अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर ट्वीट कर बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अनुपम खेर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए है, लोग उन्हें जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं। यूजर्स अभिनेता के ट्वीट पर सवाल उठाते हुए कह रहे है कि, जब उत्तर प्रदेश में पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा था तब क्यों नहीं आपने एक भी ट्वीट किया।

उल्लेखनीय है कि, मुंबई पुलिस ने एक 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बुधवार को रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया है। अदालत ने अर्नब गोस्वामी को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस टीम ने रिपब्लिक टीवी के प्रमुख को उनके घर में घुसकर गिरफ्तार किया था।
अर्नब की गिरफ्तारी के बाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई वरिष्ठ नेताओं ने ट्वीट कर महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस की निंदा की है। इस बीच, इस मामले पर अनुपम खेर ने ट्वीट कर अपनी बात रखी, जो सोशल मीडिया यूजर्स को पसंद नहीं आई और उन्होंने अभिनेता को ट्रोल करना शुरु कर दिया।
केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समर्थन में हमेशा खड़े दिखाई देने वाले अनुपम खेर ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने ट्वीट में लिखा, “न्यूयॉर्क में सुबह उठकर अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी के बारे में सुना और देखा। हैरत भी हुई, दुख भी हुआ और ग़ुस्सा भी आया। हो सकता है उनके अंदाज़ से कुछ लोग सहमत न हों पर उनके साथ ऐसा व्यवहार लोकतंत्र के लिए हानिकारक भी है और निंदनीय भी। उम्मीद करता हूँ उन्हें जल्द रिहा किया जाएगा।”
न्यूयॉर्क में सुबह उठकर अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी के बारे में सुना और देखा।हैरत भी हुई,दुख भी हुआ और ग़ुस्सा भी आया।हो सकता है उनके अंदाज़ से कुछ लोग सहमत न हों पर उनके साथ ऐसा व्यवहार लोकतंत्र के लिए हानिकारक भी है और निंदनीय भी। उम्मीद करता हूँ उन्हें जल्द रिहा किया जाएगा।
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 4, 2020
अभिनेता अपने इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए। एक यूजर ने लिखा, “एक खुशहाल घर मे माँ और बेटा परेशान होकर आत्महत्या कर लेते है। कई सालो तक सुनवाई नही होती क्योंकि आरोपी रसूखदार है। अब अगर अपराधिक मामले मे गिरफ़्तारी होती है तो इसमें मीडिया की आज़ादी पर सवाल क्यों उठ रहे है? क्या यह देश मे पहला मामला है जिसमें इंसाफ़ देरी से मिल रहा है!!”
एक अन्य यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा, “सर, आप ने अर्नब को क्यू हिरासत मे लिया गया ये जानने की कोशिश की होती तो दुख कम होता आपको। उस लडके के साथ उसकी मां ने भी आत्महत्या किया है।” एक अन्य यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा, “गोस्वामी कौन हे? कोई राष्ट्रपति है का देश का। कमाल करते है अनुपम जी। पुलिस अपना काम कर रहा है। अगर वो गलत कर रहा है तो इसके लिए न्यायालय है। गजब है, जब कोई आर्मी से सवाल करता है तो वो देशद्रोही है और कोई पुलिस से सवाल करे तो देशभक्त हो गया। आपसे निवेदन है पुलिस को छोटा मत कीजिये।”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “अगर आपके परिवार में कोई आत्महत्या कर ले और सुसाइड नोट में नाम लिख कर जाएं कि इस इंसान की वजह से मैं सुसाइड कर रहा हूं, तब आप इंसाफ की मांग नहीं करेंगे? पत्रकारों पर भारतीय कानून लागू नहीं होता? जो मरने वाले थे वो इस देश के नागरिक नहीं थे? मरने वालों का परिवार नहीं है? कुछ तो सोचो”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “आपको हैरत हूई और गुस्सा भी आया ज़रा उस महिला के बारे मे सोचिए जिसका सब कूछ चला गया और आज भी न्याय नही मिला अगर उस महिला की जगह आपकी अपनी सगी होती तो भी आपको न्यूयार्क मे गुस्सा आता और हैरत होती। आप तो कलाकार हैं आपको खुश होना चाहिए के चलो देर ही सही न्याय तो मिलेगा।”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “अनुपम जी गौरी लकेंश की हत्या हुई तब मुहँ क्यो नही खोला, विनोद दुआ पर केस हुआ तब कुछ क्यो नही बोला, प्रंशात कनौजिया जैल मे है उस बारे मे कुछ क्यो नही बोला पहले अपने अंदर के इंसान को जगाओ फिर किसी पर आरोप प्रत्यारोप लगाओं।”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “जब उत्तर प्रदेश में पत्रकारों को मामूली मामलों में गिरफ़्तार किया जा रहा था तब निंदनीय नहीं था। अभी जिस तरह से पूरी भाजपा रिएक्ट कर रही है ऐसा लग रहा है कि अर्नब न्यूज़ एंकर नहीं भाजपा कार्यकारिणी का सदस्य है।” इसी तरह तमाम यूजर्स अभिनेता के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
देखें कुछ ऐसे ही ट्वीट:
अनुपम जी गौरी लकेंश की हत्या हुई तब मुहँ क्यो नही खोला , विनोद दुआ पर केस हुआ तब कुछ क्यो नही बोला, प्रंशात कनौजिया जैल मे है उस बारे मे कुछ क्यो नही बोला पहले अपने अंदर के इंसान को जगाओ फिर किसी पर आरोप प्रत्यारोप लगाओं
— shilpa shinde (@silpashinde) November 4, 2020
ये है अर्नब को गिरफ्तार करने की वजह एक इंसान जिसने अर्नब से परेशान होकर सुसाईड कर ली,,,
सुसाईड नोट मे अर्नब का नाम है क्या मुंबई पुलिस ने ग़लत किया? pic.twitter.com/huTikNAO3P
— Kashif Rahat Ali (@kashifRahatAli) November 4, 2020
एक खुशहाल घर मे माँ और बेटा परेशान होकर आत्म हत्या कर लेते है। कई सालो तक सुनवाई नही होती क्योंकि आरोपी रसूखदार है। अब अगर अपराधिक मामले मे गिरफ़्तारी होती है तो इसमें मीडिया की आज़ादी पर सवाल क्यों उठ रहे है? क्या यह देश मे पहला मामला है जिसमें इंसाफ़ देरी से मिल रहा है !!
— Paras Shah (@parasshah_) November 4, 2020
सर, आप ने अर्णब को क्यू हिरासत मे लिया गया ये जानने की कोशिश की होती तो दुख कम होता आपका. उस लडके के साथ उसकी मा ने भी sucide किया है.
We always say in every case that it's court matter, let them handle this issue. We must stand by our court and police.— Nikhil Bhosale (@nikhilbhosale24) November 4, 2020
अर्णव गोस्वामी कौन हे?कोई राष्ट्रपति है का देश का।कमाल करते है अनुपम जी।पुलिस अपना काम कर रहा है।।अगर ओ गलत कर रहा है तो इसके लिए न्यायालय है।गजब है ,जब कोई आर्मी से सबल करता है तो वो देशद्रोही है और कोई पुलिस से सवाल करे तो देसवक्त होगया।।आपसे निबेदन है पुलिस को छोटा मत कीजिये।।
— Tanmoy Choudhury (@TanmoyC56167322) November 4, 2020
अगर आपके परिवार में कोई आत्महत्या कर ले और सुसाइड नोट में नाम लिख कर जाएं कि इस इंसान की वजह से मैं सुसाइड कर रहा हूं,तब आप इंसाफ की मांग नहीं करेंगे?
पत्रकारों पर भारतीय कानून लागू नहीं होता?
जो मरने वाले थे वो इस देश के नागरिक नहीं थे?
मरने वालों का परिवार नहीं है?
कुछ तो सोचो— Rajkumar swami (@swamiraj636) November 4, 2020
इनके UP राज में 3 पत्रकारों की हत्या
?11 से अधिक पत्रकारों पर एफआईआर
?सैकड़ों पत्रकारों को सरकार की तरफ से धमकी दी गई है।
?2 कांग्रेस नेताओं पर आत्मदाह के लिए भड़काने के फर्जी मुकदमे लगे हैं।आज एक आत्महत्या के लिए भड़काने वाले युवक के पक्ष में बयान दे रहे हैं।
— Rahul Gandhi FC (@Rahul_Gandhi_FC) November 4, 2020
और ए लोग?? और जिस शख्स के सुइसाइड नोट पर अर्णव का नाम है,उसको कैसे जस्टिफाई करोगे? और रीया ? वो किस लिए जेल गई थी? शर्म आनी चाहिए। एक TRPचोरी के आरोपी और आत्महत्या का कारण के आरोपी की आप पक्ष ले रहे हैं?जंहा एक tweet के कारण पत्रकार महिनों जेल पर हो,तब लकवा मार जाती है जुवान में? pic.twitter.com/ec8vkfuuWo
— मैं साजन। Main Sajan. (@Julfika32756489) November 4, 2020
अरे न्यूयॉर्क में बैठे बैठे तुम्हे भारत के लोकतंत्र की बड़ी चिंता हो रही है !
जरा सच्चाई परखो…"अन्वय नाईक ने जो आत्महत्या करी उसका कारण अर्णब गोस्वामी और अन्य दो लोग है उन सब को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है ,अन्वय नाईक के सुसाईड नोट को पढ़ो ! pic.twitter.com/6MK1iPGcd7— महेंद्र चंद्रभागा किसन बनसोडे. (@MahendraKBanso1) November 5, 2020
क्या बात है! अंध भक्त बोला, जब उत्तर प्रदेश में पत्रकारों को जेल में बंद किया जा रहा था जब वह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में स्कूल में नमक रोटी खिलाए जाने की खबर दिखा रहे थे तो प्रशंसा की जगह उल्टे मुकदमा दायर करके उनको जेल में बंद किया जा रहा था तब यह अंधभक्त चुप थे ? pic.twitter.com/2wNAdumRed
— Deepak Rai (@deepakraitwit) November 5, 2020
जब उत्तर प्रदेश में पत्रकारों को मामूली मामलों में गिरफ़्तार किया जा रहा था तब निंदनीय नहीं था।
अभी जिस तरह से पूरी भाजपा रिएक्ट कर रही है ऐसा लग रहा है कि अर्नब न्यूज़ एंकर नहीं भाजपा कार्यकारिणी का सदस्य है
— Madhav (@ShadyMaddy) November 4, 2020
टकले !!!
इनके वक़्त गुस्सा नेही आया था? pic.twitter.com/vt0TW0oZxj
— Sachi Rath ??? (@SachiRath) November 4, 2020
गौरतलब है कि, रायगढ पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी (47) को बुधवार सुबह में मुंबई में उनके आवास से हिरासत में लिया था। पुलिस वैन में बैठाए जाने के बाद गोस्वामी ने दावा किया था कि पुलिस ने उनके साथ हाथापाई की। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और 34 (समान मंशा के साथ लोगों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत गोस्वामी को गिरफ्तार किया।’’
पुलिस ने कहा कि इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक और उनकी मां ने रिपब्लिक टीवी के कथित तौर पर बकाया भुगतान नहीं करने पर 2018 में खुदकुशी कर ली थी। इस साल मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि उन्होंने अन्वय की बेटी आज्ञा नाईक की शिकायत के बाद मामले में फिर से जांच के आदेश दिए हैं।
इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार की सुबह गिरफ्तार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ बाद में महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित मारपीट करने के आरोप में एक और FIR दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि बुधवार की सुबह जब उनके निवास पर पुलिस के पहुंचने पर उन्होंने कथित तौर पर महिला पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की। गोस्वामी के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 504 और 34 के तहत एनएम जोशी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। (इंपुट: भाषा के साथ)