अगले साल 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलकर घेरने की रणनीति बना रहे विपक्ष को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और राज्य में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने विपक्ष के महागठबंधन का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। AAP संयोजक ने गुरुवार (9 अगस्त) को हरियाणा में ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी 2019 में बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन का हिस्सा नहीं है।
दरअसल, हरियाणा के रोहतक में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केजरीवाल से सवाल पूछा गया ‘जो गठबंधन की बातें चल रही हैं, ये कहा जा रहा है कि मोदी के खिलाफ सारा विपक्ष इक्कट्ठा होगा क्या आप उसमे शामिल होंगे? इस सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि मेरी सीधी राजनीति जनता की राजनीति है, जनता के विकास की राजनीति है जनता के हितों की राजनीति है हमारी कोई गठबंधन को राजनीति नहीं हमारी सीधी जनता की राजनीति है।
केजरीवाल ने कहा, ”गठबंधन की राजनीति मेरे लिए मायने नहीं रखती। मेरे लिए राजनीति जनता और उसका विकास है। जो हमने दिल्ली में पिछले तीन साल में किया है, इन पार्टियों ने 70 साल में उसका थोड़ा सा काम भी करके नहीं दिखाया।”
Politics of alliance doesn't matter. For me, politics is for public & their development. What we did in Delhi in 3 yrs, these parties weren't able to do even a fraction of that in 70 years:Arvind Kejriwal on being asked if AAP will join opposition alliance in 2019 elections (9.8) pic.twitter.com/oWrjsdRRB8
— ANI (@ANI) August 9, 2018
आपको बता दें कि अभी हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की शपथ ग्रहण में केजरीवाल की मौजूदगी हो गया फिर बीते शनिवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 बच्चियों के साथ हुए यौन दुराचार के विरोध का मामला हो, केजरीवाल विपक्षी दलों के साथ जिस तरह खड़े दिखाई दिए उससे लग रहा था कि आम आदमी पार्टी महागठबंधन के हिस्सा बन सकती है।
लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शायद इस संभावित महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस का उसको कम तवज्जो देना रास नहीं आया। पिछले दिनों राष्ट्रपति चुनाव में उसके बाद अविश्वास प्रस्ताव में आम आदमी पार्टी ने बिना मांगे कांग्रेस को सर्मथन दिया, लेकिन कांग्रेस ने आज तक आप को कभी सम्मानजनक बात नहीं की।
गुरुवार को हुए राज्यसभा उपसभापति चुनाव के में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के तीनों सांसदों ने वोट नहीं दिया। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी पीएम मोदी को गले लगा सकते हैं, लेकिन अपनी पार्टी के समर्थन के लिए केजरीवाल जी को एक फोन नहीं कर सकते। संजय सिंह ने कहा था कि कांग्रेस की तरफ से समर्थन नहीं मांगा गया है इसलिए उनकी पार्टी वोटिंग से बाहर रहेगी।