आम आदमी पार्टी (आप) ने असंतुष्ट नेताओं सुखपाल सिंह खैरा और कंवर संधू को कथित रूप से ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’’ में लिप्त रहने के लिए शनिवार(3 नवम्बर) को पार्टी से निलंबित कर दिया।
फाइल फोटो (eenaduindia): सुखपाल खैरा और कंवर संधूसमाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, आप की पंजाब इकाई की कोर कमेटी ने चंडीगढ़ में यह निर्णय लिया जिसकी अध्यक्षता विधायक बुध राम कर रहे थे। आप विधायक एवं पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘सुखपाल सिंह खैरा और कंवर संधु दोनों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के लिए निलंबित कर दिया गया है।’
उन्होंने कहा कि कोर कमेटी ने भुलत्थ और खरड़ से विधायकों क्रमश: खैरा और संधू को निलंबित कर दिया। बाद में पार्टी ने एक बयान में कहा कि खैरा और संधू ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों में लिप्त थे और लगातार केंद्रीय और प्रदेश पार्टी नेतृत्व को निशाना बना रहे थे। पार्टी ने कहा कि उसने दोनों नेताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय किया है।
आम आदमी पार्टी (आप) से अपने निलंबन पर प्रतिक्रिया में सुखपाल सिंह खैरा ने इस निर्णय को ‘‘तानाशाही’’ बताया और कहा कि वह विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और आगे के कदम पर निर्णय करेंगे। खैरा का निलंबन विपक्ष के नेता पद से हटाने के करीब तीन महीने बाद आया है।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, पार्टी से निलंबित होने के बाद सुखपाल सिंह खैरा ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। वह सच नहीं सुनना चाहते हैं। वह ऐसे लोगों को पसंद नहीं करते हैं, जो पंजाब की बात करते हैं। सिर्फ चुनाव की वजह से इस समय उनका पूरा ध्यान हरियाणा पर केंद्रित है।’
Arvind Kejriwal can’t tolerate any inner-party democracy. He doesn’t want to listen to the truth. He doesn’t like those people who talk about Punjab. Just because its poll time in Haryana, his complete focus has shifted to Haryana: Sukhpal Singh Khaira on his suspension from AAP pic.twitter.com/1QBLTfrDKX
— ANI (@ANI) November 3, 2018