केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सवर्णों के वोट बैंक को साधने के लिए मोदी कैबिनेट ने आर्थिक रूप से कमजोर गरीब सवर्णों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सोमवार (7 जनवरी) को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को पास किया गया। आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। आम आदमी पार्टी ने इस संशोधन के लिए संसद में सरकार का साथ देने की बात कही है।
PM Narendra Modi (PTI Photo/File)आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर इस फैसले पर सरकार का साथ देने का ऐलान किया है। हालांकि, अपने ट्वीट में संजय सिंह सरकार पर निशाना साधने से भी नहीं चूके।
संजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ‘आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जातियों के लिये मोदी सरकार ने 10% आरक्षण का स्वागत योग्य चुनावी जुमला छोड़ दिया है, ऐसे कई फ़ैसले राज्यों ने समय-समय पर लिये लेकिन 50% से अधिक आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी क्या ये फ़ैसला भी कोर्ट से रोक लगवाने के लिये एक नौटंकी है?’
संजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘10% आरक्षण बढ़ाने के लिये संविधान संशोधन करना होगा सरकार विशेष सत्र बुलाये हम सरकार का साथ देंगे वरना ये फ़ैसला चुनावी जुमला मात्र साबित होगा।’
10% आरक्षण बढ़ाने के लिये संविधान संशोधन करना होगा सरकार विशेष सत्र बुलाये हम सरकार का साथ देंगे वरना ये फ़ैसला चुनावी जुमला मात्र साबित होगा। https://t.co/txcOoWINmj
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) January 7, 2019
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, “चुनाव के पहले भाजपा सरकार संसद में संविधान संशोधन करे। हम सरकार का साथ देंगे। नहीं तो साफ़ हो जाएगा कि ये मात्र भाजपा का चुनाव के पहले का स्टंट है”
मोदी सरकार के इस फैसले को इस साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नाराज चल रहे सवर्ण मतदाताओं को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।