राज्यसभा में शुक्रवार (04 जनवरी) को प्राइवेट मेम्बर्स बिजनेस में डा. विकास महात्मे जी के आरक्षण के नीति निर्धारण में नए आधार के लिए लाये गए संकल्प पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अपनी राय रखी।

आप सांसद संजय सिंह ने कहा, आरक्षण के कई कारण बताए जाते हैं पर आरक्षण का प्रमुख कारण, हमारे समाज की सबसे बड़ी बुराई, जाति के नाम पर भेद, जन्मना भेद, समाज के पिछड़ा वर्ग व दलित के नाम पर भेद है। उन्होंने कहा कि डॉ लोहिया द्वारा प्रस्तावित विशेषावसर का सिद्धांत आरक्षण में होना चाहिए।
आप सांसद संजय सिंह ने न्यायपालिका में चल रही परिवारवाद पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा, 70 साल का इतिहास उठाकर देख लीजिये माननीय सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक में चीफ जस्टिस व जजों कि बहाली में देश के चंद परिवारों का कब्ज़ा है। इन्ही चंद परिवारों के लोग सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के चीफ व जज बनते रहते हैं।
संजय सिंह ने जोर देते हुए आगे कहा क्या इसी तरह से यह विशेष व्यवस्था उनके परिवारों के लिए चलती रहेगी। उनके द्वारा ही जजों के नाम का अनुमोदन किया जाता है तो आपसी तालमेल से सब एक दूसरे का नाम आगे करते रहते हैं। यह भी एक सामाजिक बुराई है और हमें इस पर सोचने की जरुरत है।
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