इनकम टैक्स डिपार्टमेन्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और पूछा है कि क्यों न आयकर अधिनियम के तहत आप को आय कर से मिलने वाली छूट कैंसिल कर दी जाय। बताया गया कि ‘आप’ ने आय कर विभाग द्वारा कई बार नोटिस दिए जाने के बाद भी जब जवाब नहीं सौंपा तब आयकर विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
दिल्ली में सत्ता में आने से पहले आम आदमी पार्टी ने सभी दान दाताओं का नाम पार्टी की वेबसाइट पर अपलोड करने का ऐलान किया था और ऐसा किया भी था लेकिन इस साल जून में उस लिस्ट को हटा दिया गया।
नियमों के मुताबिक किसी भी राजनीतिक दल को 20 हजार रुपये से ज्यादा का चंदा देनेवालों का विवरण चुनाव आयोग को सौंपना होता है। लेकिन आम आदमी पार्टी ने ऐसा नहीं किया है। इसके साथ ही पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर से सभी दानदाताओं का नाम हटा लिया है।
आयकर विभाग के नोटिस पर ‘आप’ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी सिर्फ ‘आप’ के डोनर्स को टारगेट कर रही है। आप प्रवक्ता राघव चड्डा ने कहा कि शुरुआत में आयकर विभाग को सौंपी गई सूची में थोड़ी गलतियां थीं जिसे नोटिस मिलने के बाद दुरुस्त कर लिया गया। हमने अपनी डोनर्स की लिस्ट में 100 प्रतिशत पारदर्शिता रखी है। आईटी रिटर्न को संशोधित करना पार्टी का वैधानिक अधिकार है।
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, दो दिन पहले ही समाजसेवी अन्ना हजारे ने चंदा देने वाले लोगों का ब्योरा वेबसाइट से ‘हटाने’ पर आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना की थी। हजारे ने कहा कि फिर आप और अन्य राजनीतिक दलों में क्या अंतर रह गया।
शुक्रवार को केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में अन्ना ने कहा है कि उन्हें किसी कार्यकर्ता से पता चला है कि आप की वेबसाइट से चंदा देने वाले लोगों के नाम जून महीने से ही हटा लिए गए हैं।
जबकि अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा है कि कांग्रेस और बीजेपी को 70 से 80 प्रतिशत मिलने वाले कैश डोनेशन के मुकाबले आप को 8 प्रतिशत से भी कम डोनेशन मिलता है।
V gud idea. I fully agree. AAP receives less than 8% of its donations in cash against 70-80% cash donations by Cong-BJP https://t.co/q2cxCTkSZ3
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 26, 2016