चुनाव आयोग ने लाभ के पद वाले मामले में दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने शुक्रवार (19 जनवरी) को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दी है। अब सबकी नजरें राष्ट्रपति पर हैं, जो इस मामले पर अंतिम मुहर लगाएंगे।
file photoबता दें कि केजरीवाल सरकार पर 20 विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर लाभ का पद देने का आरोप लगा है। अगर राष्ट्रपति AAP के विधायकों के विरुद्ध फैसला देते हैं, तो 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में आप पार्टी के विधायकों की संख्या 66 से घटकर सीधे 46 पर आ जाएगी।
चुनाव आयोग द्वारा AAP के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की खबरों के बीच पार्टी ने पूरे मामले पर सफाई दी है। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने चुनाव आयोग के फैसले को AAP के खिलाफ ‘साजिश’ करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग में AAP के किसी विधायक की गवाही नहीं हुई है।
सौरभ ने मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त का 23 जनवरी को जन्मदिन है। वह 65 साल के हो रहे हैं। ज्योति रिटायर होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कर्ज उतारना चाहते हैं। आप नेता ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार के इशारे पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिल्ली की चुनी हुई सरकार के खिलाफ साजिश रची है।
विपक्ष ने केजरीवाल का मांगा इस्तीफा
कांग्रेस और बीजेपी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा मांगा है। बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम को अब नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए उन्हे इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। बीजेपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांगा।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के कई विधायकों पर केस चल रहा है, कई जेल जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को सरकार में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। नैतिकता और अरविंद केजरीवाल का दूर-दूर तक रिश्ता नहीं है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि, ‘जिस पार्टी ने अन्ना हजारे के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किया अब उससे ज्यादा भ्रष्ट कोई नहीं है।
उन्होंने कहा कि AAP के 20 विधायक अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं। यह चोर की दाढ़ी में तिनका वाली बात है। क्या उनके पास नैतिकता है कि वे सरकार में बने रहें? वैसे भी नैतिकता से केजरीवाल का दूर-दूर तक संबंध नहीं है। AAP की सच्चाई जनता के सामने आ चुकी है।’ वहीं, दिल्ली कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस ने भी केजरीवाल से इस्तीफा देने की मांग की है।
कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि वह केजरीवाल सरकार से इस्तीफा मांगेगे। उन्होंने कहा कि, ‘भ्रष्टाचार के कारण AAP सरकार के आधे मंत्री पद से हटाए गए। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के कारण उनके 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो रही है। इससे बड़ा भ्रष्टाचार क्या होगा?’ माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार को सत्ता में बने रहे का कोई अधिकार नहीं है। इनते विधायक और मंत्री भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हैं। पूरी दिल्ली में कांग्रेस AAP सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी।
देखिए, सोशल मीडिया पर लोगों की कैसे लिए मजे:-
https://twitter.com/IamSabya_/status/954323717860945920
AAP के 20 विधायक चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिए, वैसे ये तो दिल्ली की जनता ही बता पाएगी कि ये सब के सब माननीय थे कितने योग्य?
— Rahul Sinha (@RahulSinhaZee) January 19, 2018
चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायक अयोग्य घोषित किए, सड़ जी
कल ही पार्टी दिए आज ओले पड़ गए…….
कविवर आनन्द में ……#AAPOfficeOfProfit pic.twitter.com/OQmp5K3Hxx
— Gaurav singh sengar (@sengarlive) January 19, 2018
रिपोर्टर:-सर 20 AAP MLAs की सदस्यता जाने वाली है आप पार्टी का क्या रिएक्शन है?
केजरीवाल:-लोगों में बहुत गुस्सा है जी इस टाईम
रिपोर्टर:-तो आप उन्हें क्या संदेश देना चाहेंगे?
केजरीवाल:-जी मैं यही कहूंगा अगर ज्यादा गुस्सा आ रहा हो तो आप पार्टी को चंदा देकर अपना गुस्सा निकाल लें?— Boss Hardik Pandya (@BossPandya) January 19, 2018
सिर्फ केजरीवाल योग्य हैं साबित करने के लिये केजरीवाल ने अपने 22 विधायकों को अयोग्य घोषित करवा दिया … pic.twitter.com/vh2MfQKtGq
— Ranjana Verma (@iRanjanaVerma) January 19, 2018
https://twitter.com/SirSunnydeol5/status/954312542511247361
दिल्ली के 20 विधायक चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित किये….संसदीय सचिव बनना मंहगा पड़ा .. अब अगले 6 महीनों में होगा चुनाव…#दिल्ली फिर बनेगी रणभूमी …#आप #बीजेपी #कांग्रेस फिर लुभायेगें आम जन को
— Nidhi Kulpati (@NidhiKNDTV) January 19, 2018
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि केजरीवाल सरकार पर 20 विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर लाभ का पद देने का आरोप लगा है। आम आदमी पार्टी ने 13 मार्च 2015 को अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था। इसके बाद 19 जून को वकील प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास इन सचिवों की सदस्यता रद्द करने के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद राष्ट्रपति ने शिकायत चुनाव आयोग भेज दी थी।
चुनाव आयोग ने आप के 21 विधायकों को ‘लाभ का पद’ मामले में कारण बताओ नोटिस दिया था। इस मामले में पहले 21 विधायकों की संख्या थी। हालांकि विधायक जनरैल सिंह के पिछले साल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इस मामले में फंसे विधायकों की संख्या 20 हो गई है। ‘लाभ के पद’ का हवाला देकर इस मामले में सदस्यों की सदस्यता भंग करने की याचिका डाली गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ फैसला दिया है। आयोग ने रिपोर्ट बनाकर राष्ट्रपति के पास अंतिम मुहर के लिए भेज दी है। माना जा रहा है कि आयोग इन 20 विधायकों की सदस्यता रद करने की बात कह सकता है। आगामी 14 फरवरी को आम आदमी पार्टी सरकार के तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं। ऐसे में यह दिल्ली की केजरीवाल सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन ऐक्ट-1997 में संशोधन किया था। इस विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से छूट दिलाना था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नामंजूर कर दिया था। इस विधेयक को केंद्र सरकार से आज तक मंजूरी नहीं मिली है। आप के विधायक 13 मार्च 2015 से आठ सितंबर 2016 तक संसदीय सचिव के पद पर थे।