84 वर्षीय किसान धरमा पाटिल की रविवार रात को जे जे अस्पताल में मौत हो गई, जिन्होंने 22 जनवरी को महाराष्ट्र सचिवालय के सामने जमीन के पर्याप्त मुआवजे की मांग करते हुए जहरीला पदार्थ खा लिया था। बता दें कि, महाराष्ट्र सचिवालय का नाम ‘मंत्रालय’ है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक किसान के परिजनों का आरोप है कि सरकार ने उनकी पांच एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था, जिसके एवज में मात्र चार लाख रुपए ही दिए थे। सरकार ने यह जमीन सोलर पावर प्लांट के लिए अधिग्रहित की थी।
समाचार एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, उत्तर महाराष्ट्र के रहने वाले किसान धरमा पाटिल की जमीन सरकार ने सोलर पावर प्लांट के लिए अधिगृहित की थी। इसके लिए उसे कम मुआवजा मिला था। 22 जनवरी को पर्याप्त मुआवजे की मांग करते हुए धरमा पाटिल ने सचिवालय के समक्ष जहरीला पदार्थ खा लिया था। अधिकारियों ने बताया कि पाटिल का पोस्टमार्टम अस्पताल में करा दिया गया है और बाद में शव परिजनो के हवाले कर दिया जाएगा।
84 वर्षीय किसान धरमा पाटिल की मौत पर इंडिया अगेन्स्ट करप्शन की सक्रिय कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने गुस्से में प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से पूछा कि, 4 लाख रुपये वास्तव में पर्याप्त मुआवजे थे।
84 yr old farmer Dharma has breathed his last at JJ Hosp. Dharma consumed poison at Mantralaya on 22nd to protest forcible acquisition of 4 acre land which had 600 mango trees & a well. He was given a compensation of 4 L@Dev_Fadnavis is 4L really enough? pic.twitter.com/JPUmXPo1Uo
— Mrs Anjali Damania (@anjali_damania) January 29, 2018
महाराष्ट्र मै सरकार की वजह से किसान की आत्महत्या ! महाराष्ट्र सरकार ईसकी जीमेदीर
किसान #धर्मापाटील को भाव पूर्ण श्रद्धांजलि @HardikPatel_ @ArvindKejriwal @jigneshmevani80— Sachin Chauhan (@SachinChauhan__) January 29, 2018
आज महाराष्ट्र मे धर्मा पाटील किसान ने BJP सरकार के बुरे कामो के वाजहसे आत्महत्या करली क्या केहना हे आपका
— jay kadam (@Monty112255) January 28, 2018
इस घटना के बाद सरकार विपक्षी पार्टी के निशाने पर आ गई है, विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाए हैं कि सरकार की लापरवाही और एंटी किसान नीतियों के कारण किसान की मौत हुई है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा है कि मंत्रालय में किसान के आत्महत्या कर लेने के बाद भी सरकार उसे न्याय दिलाने के मूड में नहीं है।
वहीं कांग्रेस नेता राधाकृष्ण पाटिल ने कहा कि सरकार की लापरवाही और एंटी किसान नीतियों के कारण किसान की मौत हुई है। उन्होंने कहा, हजारों किसानों की आत्महत्या के बाद भी सरकार अब तक नहीं जाग पाई है।
मृतक किसान के बेटे नरेंद्र पाटिल ने बताया कि, ‘पिताजी जमीन के मुआवजे के बारे में शिकायत दर्ज कराने के लिए पिछले तीन महीने से लगातार राज्य प्रशासनिक मुख्यालय के चक्कर लगा रहे थे। लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनकी शिकायत नहीं सुनी। नरेन्द्र पाटिल ने बताया कि उसके पिता को 5 एकड़ जमीन के लिए मुआवजे के तौर पर सिर्फ 4 लाख रुपये दिए गए।