कर्नाटक में शनिवार को अचानक घटे राजनीतिक घटनाक्रम में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 11 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कर्नाटक में सत्तारुढ़ कांग्रेस के आठ और जेडीएस के तीन विधायकों ने इस्तीफा दिया है। इन विधायकों के इस्तीफा देने से राज्य की कुमारस्वामी सरकार के लिए गहरा गहरा संकट उत्पन्न हो गया है।
एएनआई के मुताबिक, राज्य के 11 जेडीएस-कांग्रेस विधायक शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार को इस्तीफा देने पहुंचे थे, लेकिन अध्यक्ष के न मिलने पर उनके सचिव को ही सौंप दिया। इस्तीफा देने वाले विधायकों में बीसी पाटिल, एच विश्वनाथ, नारायण गौड़ा, शिवराम हेब्बर, महेश कुमाथल्ली, गोपालैया, रमेश जरकिहोली और प्रताप गौड़ा पाटिल शामिल हैं।
विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने भी 11 विधायकों के इस्तीफे की पुष्टि की है। स्पीकर रमेश कुमार ने एएनआई से कहा कि मुझे अपनी बेटी को पिकअप करना था, इसलिए मैं घर चला गया था। मैं अपने कार्यालय में बता दिया है कि वे इस्तीफा ले लें। 11 विधायकों के इस्तीफे की जानकारी है। कल रविवार है, ऐसे में सोमवार को मैं इन्हें देखूंगा।
Karnataka Assembly Speaker Ramesh Kumar: I was supposed to pick up my daughter that is why I went home, I have told my office to take resignations and give acknowledgement. that 11 members resigned .Tomorrow is leave so I will see them on Monday. (file pic) pic.twitter.com/k4WQ2t0Wev
— ANI (@ANI) July 6, 2019
इस बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर राव और मंत्री डी. शिवकुमार ने आज (शनिवार) कांग्रेस विधायकों और पार्षदों की बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी सरकार की गठबंधन सहयोगियों के साथ तालमेल नहीं बढ़ने और टिप्पणियों के कारण पिछले दो महीनों से संकट मंडरा रहा था। जिसके कारण कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार के 11 विधायकों ने राज्य विधानभा की सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया।
#UPDATE Karnataka: Deputy Chief Minister G. Parameshwara and State minister D. K. Shivakumar have called a emergency meeting of Congress Bengaluru MLAs and Corporators later today after 8 Congress& 3 JDS MLAs reached Assembly speaker office. https://t.co/a62qceokan
— ANI (@ANI) July 6, 2019
कर्नाटक में मचे सियासी ड्रामा और ज्यादा तेज होने के आसार नजर आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इससे गठबंधन सरकार गिर सकती है। बता दें कि इससे पहले इसी सप्ताह एक जुलाई को राज्य की गठबंधन सरकार को उस समय बड़ा झटका लगा था जब कांग्रेस के दो विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस विधायक आनंद सिंह और रमेश जारकीहोली ने राज्य विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
वहीं, पिछले माह कर्नाटक जद (एस) प्रमुख एच. विश्वनाथ ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। कुछ दिनों पहले ही भाजपा से बचाकर कांग्रेस विधायकों को एक रिसॉर्ट में रखा गया था जहां आनंद सिंह को उनके पार्टी के एक अन्य सदस्य कांपली गणेश ने परेशान किया। आनंद सिंह पिछले साल ‘ऑपरेशन कमल’ में पकड़े गए भाजपा विधायकों में से एक थे।
लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। पार्टी को 28 में से 25 सीटें मिलीं।वहीं, सत्तारूढ़ जद(एस) और कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक-एक सीट गई थी। कांग्रेस और जद (एस) ने राज्य में लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा था, लेकिन सीटों के बंटवारे का समझौता दोनों पार्टियों के सदस्यों में मतभेदों के बीच हुआ था। लोकसभा चुनावों में गठबंधन की हार होने के बाद कांग्रेस और जेडीएस के बीच मतभेद गहरे हो गए हैं।
समाचार एजेंसी यूएनआई को मिले सूत्रों के अनुसार दो निर्दलीय विधायक जिन्हें हाल ही में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था उन्होंने भी मंत्रिमंडल में इस्तीफा देने निर्णय लिया है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की 105 सदस्यों को अपना समर्थन देने का फैसला किया है। बता दें किकर्नाटक विधानसभा की 225 सीटें है। जिसमें कांग्रेस के पास 78, जद(एस) के पास 37, दो निर्दलीय और बहुजन समाज पार्टी के पास एक सीट है।