उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का जमीन खरीद घोटाला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की फर्ज़ी वेबसाइट से ठगी करने का सनसनीखेज मामले सामने आया है। यूपी पुलिस की साइबर सेल ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाने और बेगुनाहों से करोड़ों रुपये ठगने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, जीबी नगर से नई दिल्ली निवासी आशीष गुप्ता, नवीन कुमार, सुमित कुमार, अमित झा और सूरज गुप्ता को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनके पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड और आधार कार्ड भी बरामद किए हैं। प्राथमिकी सबसे पहले 30 जनवरी को अयोध्या में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल कुमार मिश्रा ने राम जन्मभूमि थाने में दर्ज कराई थी।
मिश्रा ने आरोप लगाया था कि मूल वेबसाइट के समान एक नकली वेबसाइट बनाई और इसमें वित्तीय दान के लिए एक क्यूआर कोड भी था। कोड एक तेजवीर सिंह के नाम पर दर्ज था। यह मामला पिछले महीने उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर सेल को स्थानांतरित कर दिया गया।
पुलिस अधीक्षक साइबर सेल त्रिवेणी सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि गिरोह बिहार से संचालित हो रहा था और इसके अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए जल्द ही एक टीम भेजी जाएगी। सिंह ने कहा, “हमने डेटा एनालिटिक्स सहित इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का उपयोग करके मामले पर काम किया।” राम मंदिर के लिए भक्तों का चंदा सीधे आरोपियों के खातों में जा रहा था।
पिछले कुछ समय से राम मंदिर जन्मभूमि ट्रस्ट अयोध्या के नाम से फर्जी वेबसाइट (WWW.srjbkshetra.org) बनाकर अपराधियों ने राम मंदिर जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर लाखों रुपए की धनराशि को जालसाजी, धोखाधड़ी के माध्यम से फर्जी खातों में लेना शुरू कर दिया था। आपराधियों द्वारा वेबसाइट पर फर्जी खाता संख्या दी गई थी, जिससे कि आम जनता राम मंदिर के नाम पर स्वेच्छा से चंदे के नाम पर रुपए उक्त खाते में जमा कर सके। इससे अपराधियों ने जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाने के साथ-साथ, इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइट बनाकर जनता के साथ जालसाजी, धोखाधड़ी की।