यूपी में बढ़ते अपराध से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खफा, कानपुर अपहरण और हत्याकांड केस में IPS सहित 4 पुलिस अधिकारी सस्पेंड

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कानपुर के बिकरू कांड के बाद लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की अपरहण के बाद हत्या और गाजियाबाद में पत्रकार की हत्या जैसे मामलों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद खफा हैं। उनकी नाराजगी का असर कानपुर की एएसपी व सीओ के निलंबन के रूप में हुआ है।

कानपुर

कानपुर बर्रा कांड में हुई शुरुआती कार्रवाई में अपर पुलिस अधीक्षक (कानपुर दक्षिणी) एएसपी अपर्णा गुप्ता और तत्कालीन क्षेत्राधिकारी (सीओ) मनोज गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। एडीजी (पुलिस मुख्यालय) बीपी जोगदंड को पूरे मामले की जांच सौंपी गई। मुख्यमंत्री योगी की पुलिस अफसरों पर यह बड़ी कार्रवाई है।

सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञाप्ति के अनुसार, जनपद कानपुर के थाना बर्रा में दर्ज मुकदमे की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कानपुर नगर) द्वारा विवेचना में लापरवाही बरते जाने के आरोप में थाना बार्रा के पूर्व निरीक्षक रणजीत राय व चौकी प्रभारी राजेश कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है।

शासन द्वारा विचार किए जाने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी कानपुर नगर) अर्पणा गुप्ता और क्षेत्राधिकारी मनोज गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। इस घटना में फिरौती के लिए पैसे दिए गए या नहीं, इस मामले की जांच के लिए अपर पुलिस महानिदेशक (पीएचक्यू लखनऊ ) को तत्काल कानपुर पहुंचकर जांच करने का निर्देश दिया गया है।

प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर शुक्रवार को कोरोना वायरस के प्रकोप की समीक्षा बैठक के दौरान दिखे। पुलिस तथा अपराधियों के बीच सांठ-गांठ के कई मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी बेहद खफा हुए। इसे देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश के पुलिस महकमे में जल्द ही बड़ा फेरबदल हो सकता है।

बता दें कि, कानपुर बर्रा निवासी चमन सिंह यादव के इकलौते बेटा संजीत कुमार का 22 जून की शाम अपहरण हो गया था। दूसरे दिन परिजनों ने पूर्व थाना प्रभारी रणजीत राय को बेटे के लापता होने की बात बताई थी लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हो पाया। 29 जून की शाम अपहर्ताओं ने पिता को फोन करके 30 लाख की फिरौती मांगी। 13 जुलाई की रात पुलिस ने फिरौती की रकम लेकर परिजनों को भेजा। अपहर्ता गुजैनी पुल से फिरौती की रकम लेकर फरार हो गए और पुलिस देखती रह गई।

इस मामले में पुलिस ने महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें दो लोग संजीत के खास दोस्त थे, जिन्होंने संजीत के साथ पहले अन्य पैथोलॉजी में काम किया। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने कबूल किया है कि उन्होंने 26 या 27 जून को ही संजीत की हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को पांडू नदी में फेंक दिया था। वहीं शव को बरामद करने के लिए टीमें बनाई गई हैं। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)

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