आर्टिकल 370 हटाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दी जा रही हैं। शनिवार से कई इलाकों में 2जी इंटरनेट सेवा शुरू कर दी गई है। वहीं, कश्मीर में भी लैंडलाइन सेवाएं बहाल कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने जिन इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की गई है उनमें जम्मू, रियासी, सांबा, कठुआ और उधमपुर जैसे इलाके शामिल हैं। बता दें कि, राज्य के मुख्य सचिव बी. आर. सुब्रमण्यम ने राज्य में जारी पाबंदियों में ढील देने के संकेत शुक्रवार को ही दिए थे।
File photoअधिकारियों ने बताया कि घाटी के 100 से अधिक टेलीफोन एक्सचेंज में से 17 को बहाल कर दिया गया। ये एक्सचेंज अधिकतर सिविल लाइन्स क्षेत्र, छावनी क्षेत्र, श्रीनगर जिले के हवाई अड्डे के पास है। मध्य कश्मीर में बडगाम, सोनमर्ग और मनिगम में लैंडलाइन सेवाएं बहाल की गई हैं। उत्तर कश्मीर में गुरेज, तंगमार्ग, उरी केरन करनाह और तंगधार इलाकों में सेवाएं बहाल हुई हैं। दक्षिण कश्मीर में काजीगुंड और पहलगाम इलाकों में सेवाएं बहाल की गई हैं।
वहीं एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जम्मू जिले में शुक्रवार की आधी रात रात से 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल हो गयी हैं।’’ उन्होंने बताया कि इंटरनेट की रफ्तार को एहतियातन कम रखा गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सोशल मीडिया पर किसी तरह की अफवाह या आपत्तिजनक सामग्री तो प्रसारित नहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने सिर्फ अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा को स्थगित किया था, ताकि स्थिति न बिगड़े और सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न न हो।’’ उन्होंने कहा कि इंटरनेट सेवा आंशिक रूप से बहाल हो गयी है और जल्द ही उच्च रफ्तार की इंटरनेट सेवा बहाल कर दी जाएगी।
जिला प्रशासन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जमीनी स्थिति और सोशल मीडिया पर बारीकी से नजर बनाये हुए है और यदि कोई स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश करते या शांति और सौहार्द को बिगाड़ने के लिए अवांछित सामग्री प्रसारित करने पाया गया, तो उसके खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
राजौरी जिले में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत लगायी गयीं पाबंदिया हटा ली गयी हैं, लेकिन रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक पाबंदियां लगी रहेंगी।
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख नाम से दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले से पहले चार अगस्त की आधी रात से ही राज्य में मोबाइल फोन, इंटरनेट, लैंडलाइन सेवाओं सहित टेलीफोन सेवाएं स्थगित कर दी गई थीं। (इंपुट: एजेंसी के साथ)